कहां चल दिए तानाशाह! किम जोंग उन... जिस ट्रेन में कर रहे सफर होने लगी चर्चा; जानें क्यों

    उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी सख्त तानाशाही नहीं, बल्कि उनकी बेहद लग्जरी और बुलेटप्रूफ ट्रेन है, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है.

    North Korea president kim jong un traveling in train with 14 to 15 coaches
    Image Source: Social Media

    उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी सख्त तानाशाही नहीं, बल्कि उनकी बेहद लग्जरी और बुलेटप्रूफ ट्रेन है, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. बताया जा रहा है कि हाल ही में किम जोंग बीजिंग में आयोजित एक सैन्य परेड में शामिल होने के लिए इसी खास ट्रेन से रवाना हुए, जिसकी तस्वीरें अब वायरल हो रही हैं. यह ट्रेन किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं लगती — आलीशान इंटीरियर से लेकर हाईटेक सुविधाओं तक, सब कुछ बेहद खास है.

    इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत इसका बुलेटप्रूफ होना है. हर डिब्बा पूरी तरह से सुरक्षित है और किसी भी हमले से बचाव के लिए डिजाइन किया गया है. ट्रेन की रफ्तार लगभग 60 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो आधुनिक ट्रेनों की तुलना में कम जरूर है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से इसे ही प्राथमिकता दी जाती है. अंदर से ट्रेन का नजारा बेहद रॉयल है. फर्श पर महंगे कारपेट, दीवारों पर वुडन फिनिशिंग और शानदार फर्नीचर इसे किसी लग्जरी होटल जैसा बनाते हैं.

    किचन, बेडरूम और सोफा कई आलिशान चीजों से लैस है ये ट्रेन

    ट्रेन में आधुनिक संचार प्रणाली भी मौजूद है, जिससे किम जोंग उन सीधे प्योंगयांग के अधिकारियों या अन्य देशों के नेताओं से बातचीत कर सकते हैं. इसके अलावा इसमें बड़े-बड़े मीटिंग रूम बनाए गए हैं जहां अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठकों का आयोजन होता है. खानपान की बात करें तो यहां अलग किचन है, जिसमें विदेशी शेफ इंटरनेशनल डिशेज और महंगी वाइन सर्व करते हैं. ट्रेन में किम जोंग का निजी ऑफिस, विशाल बेडरूम, आरामदायक सोफा और एक अलग रेस्टोरेंट भी शामिल है.

    सुरक्षा और सहूलियत के लिहाज से ट्रेन में डॉक्टरों की एक टीम, बुलेटप्रूफ गाड़ियां और पूरे स्टाफ के लिए शानदार आवास की व्यवस्था भी की गई है. मनोरंजन के लिए म्यूजिक सिस्टम, टीवी स्क्रीन, मूवी वॉचिंग फैसिलिटी, जिम और सिगार लाउंज जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं. ट्रेन की बनावट इस तरह की गई है कि बाहर से अंदर की गतिविधियां देख पाना लगभग नामुमकिन है.

    अगर इतिहास की बात करें तो किम जोंग के दादा और उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग ने सबसे पहले इस तरह की ट्रेन से यात्रा करना शुरू किया था. इसके बाद उनके बेटे और किम जोंग के पिता किम जोंग इल ने 2001 में इसी ट्रेन से रूस की यात्रा की थी. वर्ष 2011 में इसी ट्रेन में उनका निधन हुआ था. अब उसी परंपरा

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