यूक्रेन युद्ध के बीच रूस और उत्तर कोरिया की बढ़ती निकटता ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नए समीकरण खड़े कर दिए हैं. हाल ही में दोनों देशों ने आपसी रणनीतिक सहयोग को मजबूत करते हुए एक अहम समझौते के तहत सड़क संपर्क मार्ग और पुल निर्माण की शुरुआत की है. यह समझौता न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाएगा, बल्कि पश्चिमी देशों विशेषकर अमेरिका और यूक्रेन के लिए चिंता का विषय बन चुका है.
रूस-उत्तर कोरिया के बीच व्यापार को मिलेगी गति
यह सड़क परियोजना रूस और उत्तर कोरिया की सीमाओं को जोड़ेगी. इसके अतिरिक्त, एक नया पुल भी बनाने की योजना है, जिससे वस्तुओं, पर्यटकों और नागरिकों की आवाजाही में सहजता आएगी. इस साझेदारी को दोनों देशों के लिए 'ऐतिहासिक स्मारक' करार दिया गया है. बता दें कि पहली बार दोनों देशों के बीच एक स्थायी सड़क संपर्क और पुल निर्माण का ऐलान हुआ है. इससे न केवल उनके आपसी व्यापार और संपर्क को बल मिलेगा, बल्कि यह सैन्य आपूर्ति की गति को भी बढ़ा सकता है.
आपको बता दें कि पहले से ही उत्तर कोरिया पर रूस को हथियार और गोला-बारूद देने के आरोप लगते रहे हैं, और अब दोनों देशों के बीच सीधा सड़क मार्ग बनने जा रहा है. यह संपर्क न केवल उनके संबंधों को और गहरा करेगा, बल्कि हथियारों की आपूर्ति को भी तेज कर सकता है.
दोनों देश अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में करेंगे पुल का निर्माण
सरकारी मीडिया एजेंसियों के अनुसार, बृहस्पतिवार को उत्तर कोरिया और रूस ने अपने-अपने सीमावर्ती शहरों में पुल के निर्माण के लिए एक साथ समारोह आयोजित किया. एजेंसियों ने कहा कि उत्तर कोरिया के प्रधानमंत्री पाक था सोंग और रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन वीडियो लिंक के माध्यम से समारोह में शामिल हुए. केसीएनए ने बृहस्पतिवार को बताया कि प्रधानमंत्री पाक था सोंग ने कहा कि पुल के निर्माण को द्विपक्षीय संबंधों में ‘‘एक ऐतिहासिक स्मारक’’ के रूप में याद किया जाएगा.
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