भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने अपने प्रसिद्ध डायलॉग "कोई गार्डन में नहीं घूमेगा" की पीछे की पूरी कहानी आखिरकार साझा की है. फरवरी 2024 में विशाखापत्तनम में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के दौरान, स्टंप माइक में उनका यह डायलॉग रिकॉर्ड हुआ था, जो बाद में क्रिकेट प्रेमियों के बीच काफी चर्चित हो गया. एक साल से भी ज्यादा वक्त के बाद रोहित ने अब इस डायलॉग के पीछे की सच्चाई उजागर की है.
मैदान पर बढ़ाने के लिए थी ऊर्जा की जरूरत
रोहित ने JioHotstar से बातचीत करते हुए बताया कि मैच के दौरान यह घटना एक निर्णायक पल थी. उन्होंने कहा, "वह विशाखापत्तनम का मैच था और मैंने देखा कि ओवर खत्म होते ही खिलाड़ी मैदान पर आराम से चल रहे थे, जैसे किसी गार्डन में घूम रहे हों. मैदान पर कोई जल्दी नहीं थी, कोई दौड़ नहीं रहा था. मैं स्लिप में फील्डिंग कर रहा था, जबकि दोनों छोर से स्पिनर गेंदबाजी कर रहे थे. स्थिति नाजुक थी, हमें मैच जीतने की जरूरत थी, और खिलाड़ी आराम से चल रहे थे."
रोहित ने आगे कहा, "मैंने सुबह ही खिलाड़ियों से कहा था कि हमें कुछ अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत है, लेकिन मैदान पर खिलाड़ी मस्ती कर रहे थे." उस समय भारत को एक विकेट की सख्त जरूरत थी और रोहित अपने खिलाड़ियों से ज्यादा गंभीर और सकारात्मक रहने की उम्मीद कर रहे थे.
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आत्मविश्वास की कमी नहीं थी
रोहित ने बताया कि उन्होंने महसूस किया कि टीम को मैदान पर ज्यादा ऊर्जा और सक्रियता की जरूरत थी. "मैंने देखा कि दो-तीन ओवर तक स्थिति वैसी ही रही और फिर मुझे गुस्सा आ गया. मैंने सबको कहा, 'ऐसे नहीं चल सकता, तुम लोग इस तरह क्रिकेट नहीं खेल सकते.' सभी खिलाड़ी बस फ्लो के साथ खेल रहे थे, लेकिन मैं चाहता था कि वे थोड़े और उत्साहित हों, क्योंकि हम उस समय विकेट लेने के लिए बेताब थे."
सभी खिलाड़ियों को करना चाहिए प्रयास
रोहित का कहना था कि इस तरह के अहम क्षणों में टीम के सभी खिलाड़ियों को एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए. भारत ने उस मैच में 106 रनों से जीत हासिल की और पांच मैचों की सीरीज को 1-1 से बराबर कर लिया. इस तरह से रोहित ने बताया कि उनका यह डायलॉग सिर्फ एक मजाक या उत्साह के लिए नहीं था, बल्कि वह उस समय मैच की गंभीर स्थिति को देखते हुए अपनी टीम को सक्रिय और ऊर्जा से भरपूर देखना चाहते थे.