गाजा में आग की तरह बरसेंगे नेतन्याहू, बिछेंगी लाशें! IDF को दे डाला खतरनाक आदेश

    गाजा की जंग अब अपने सबसे संवेदनशील और निर्णायक मोड़ पर आ गई है. महीनों से जारी खूनी संघर्ष के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को गाजा पट्टी के हर इंच पर कब्ज़ा करने का सीधा आदेश दे दिया है.

    Netanyahu order to full occupation of gaza to pressure hamas
    Image Source: Social Media

    गाजा की जंग अब अपने सबसे संवेदनशील और निर्णायक मोड़ पर आ गई है. महीनों से जारी खूनी संघर्ष के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को गाजा पट्टी के हर इंच पर कब्ज़ा करने का सीधा आदेश दे दिया है. यह फैसला उस समय आया है जब हमास द्वारा बंधकों का एक भयावह वीडियो सामने आया, जिसने न सिर्फ पूरे इजरायल को हिला कर रख दिया, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व को निर्णायक कार्रवाई के लिए विवश कर दिया.

    अब तक इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) गाजा के लगभग 75 फीसदी हिस्से पर नियंत्रण जमा चुकी थी, लेकिन बचे हुए इलाकों को लेकर भी अब आक्रामक रणनीति अपनाई जा रही है. खुफिया इनपुट के अनुसार, हमास द्वारा बंधकों को इन्हीं इलाकों में छुपा कर रखा गया है.

    अब सिर्फ 25% जमीन बची है कब्जे से बाहर

    इसी के मद्देनज़र प्रधानमंत्री कार्यालय ने सेना प्रमुख को स्पष्ट निर्देश दिए हैं, या तो आदेश का पालन करें या पद छोड़ें. यह संकेत देता है कि नेतन्याहू सरकार अब किसी भी किस्म की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी.

    विडियो ने झकझोरा पूरा देश, नेता भी दहले

    हमास द्वारा जारी किया गया वीडियो बेहद क्रूर और अमानवीय है. इसमें दो इजरायली नागरिक रोम ब्रास्लावस्की और एव्यातार डेविड को गहरे संकट में दिखाया गया है. ब्रास्लावस्की बेहद कमजोर हालत में नज़र आते हैं, यहां तक कि चलने फिरने में भी असमर्थ हैं, जबकि डेविड को ज़मीन खोदते हुए दिखाया गया है. कथित रूप से अपनी ही कब्र. इन दृश्यों ने इजरायली समाज को गहरे तक झकझोर दिया है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इन तस्वीरों को देखते हुए देश को संबोधित किया और कहा,

    “हमास हमें तोड़ना चाहता है, लेकिन हम झुकेंगे नहीं.” सेना प्रमुख और नेतृत्व में बढ़ता तनाव इजरायली सैन्य रेडियो की रिपोर्ट के अनुसार, सेना प्रमुख इयाल ज़मीर मौजूदा रणनीति और राजनीतिक नेतृत्व की अस्पष्टता को लेकर चिंतित हैं. उन्हें लगता है कि युद्ध सिर्फ सैन्य निर्णय नहीं, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति का भी मामला बन चुका है.

    सड़कों पर फूटा गुस्सा, युद्धविराम की मांग

    इस बीच, जनता में असंतोष भी बढ़ रहा है. शनिवार की रात, हजारों नागरिक युद्धविराम की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए. यह अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया जा रहा है. कई परिवार अपने अपनों की रिहाई के लिए सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील कर रहे हैं.

    रेड क्रॉस को भी बंधकों तक पहुंच नहीं

    हमास ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय संगठन रेड क्रॉस को भी बंधकों से मिलने की अनुमति नहीं दी है. यह अंतरराष्ट्रीय नियमों का सीधा उल्लंघन है, और इससे हालात और जटिल हो गए हैं.

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