हूतियों से हार गए नेतन्याहू? यमन की मिसाइल के सामने इजरायल के एरो-3 और थाड भी फेल, नहीं रोक पाए मिसाइल

    यमन से दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल इज़रायल के सबसे व्यस्त बेन गुरियन एयरपोर्ट के पास आकर गिरी, जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    मिडिल ईस्ट में हालात हर दिन और गंभीर होते जा रहे हैं. मंगलवार को यमन से दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल इज़रायल के सबसे व्यस्त बेन गुरियन एयरपोर्ट के पास आकर गिरी, जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया. यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा किए गए इस हमले ने न सिर्फ इज़रायली सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी, बल्कि इस क्षेत्र में चल रहे तनाव को और भड़काने का काम किया.

    डिफेंस सिस्टम फेल, एक घायल, उड़ानों पर रोक

    हमले के दौरान इज़रायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने अपने हाई-टेक एरो-3 और थाड डिफेंस सिस्टम को एक्टिव किया, लेकिन मिसाइल को इंटरसेप्ट करने में असफल रही. मिसाइल राजधानी तेल अवीव के पास स्थित बेन गुरियन एयरपोर्ट के करीब जंगल में जा गिरी. एक व्यक्ति एयरपोर्ट की पार्किंग में मामूली रूप से घायल हो गया. हालांकि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह हमला सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा अलार्म है.

    हवाई अड्डा प्राधिकरण ने तुरंत सभी उड़ानों को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिससे सैकड़ों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों ने घटनास्थल की तस्वीरें और वीडियो साझा कीं, जिनमें मिट्टी से भरी सड़कें और मिसाइल की लैंडिंग का धुआं देखा जा सकता है.

    लगातार हो रहे हमले, IDF कर रही है समीक्षा

    हूती विद्रोही हाल के दिनों में लगातार इज़रायल पर हमले कर रहे हैं. सिर्फ पिछले पांच दिनों में चार बैलिस्टिक मिसाइलें और दो ड्रोन इज़रायल की ओर भेजे जा चुके हैं. IDF इस पूरे घटनाक्रम की गहन समीक्षा कर रही है और यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर हाई-टेक डिफेंस सिस्टम इस हमले को क्यों नहीं रोक पाया.

    गाजा में सैन्य कार्रवाई तेज, रिजर्व सैनिकों की तैनाती की तैयारी

    इन हमलों के बाद इज़रायल सरकार ने गाजा में अपनी सैन्य कार्रवाई को और आक्रामक बनाने का फैसला लिया है. शनिवार को सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अयाल जामिर ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इज़रायल काट्ज को एक विशेष योजना सौंपी, जिसमें गाजा के उत्तरी और मध्य इलाकों से नागरिकों को निकालकर राफा में एक बड़ा ऑपरेशन चलाने की रणनीति शामिल है. IDF आने वाले दिनों में हजारों रिजर्व सैनिकों को तैनात करने की तैयारी में है. यह कदम इस बात का संकेत है कि अब शांति वार्ता से ज्यादा भरोसा सैन्य ताकत पर किया जा रहा है.

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