भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में जहां एक ओर भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है, वहीं दूसरी ओर नेपाल ने इस मुद्दे पर भारत को अपना नैतिक समर्थन दिया है. क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर चिंता जताते हुए नेपाल ने स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम में उसके साथ है.
भारत की जवाबी कार्रवाई से हिला पाकिस्तान
जम्मू, पंजाब और राजस्थान में पाकिस्तान द्वारा की गई मिसाइल और ड्रोन हमलों की प्रतिक्रिया में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के लाहौर, सियालकोट और अन्य प्रमुख शहरों पर सटीक मिसाइल हमले किए. यह ऑपरेशन उन आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करने के उद्देश्य से चलाया गया, जो पाकिस्तान और पीओके में सक्रिय थे.
विशेष रूप से, पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने इस कार्रवाई को और भी आवश्यक बना दिया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था.
नेपाल ने दिखाई संवेदना और एकता
भारत की जवाबी कार्रवाई और आतंकवाद के खिलाफ उसके रुख को लेकर नेपाल ने गुरुवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया. नेपाल के विदेश मंत्रालय ने न केवल इस हमले की निंदा की बल्कि इस दुखद समय में भारत के साथ एकजुटता भी जताई.
बयान में कहा गया, “नेपाल सरकार पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव को लेकर अत्यंत चिंतित है. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि नेपाल अपनी धरती का उपयोग कभी किसी शत्रुतापूर्ण गतिविधि के लिए नहीं होने देगा. इस कठिन समय में नेपाल, भारत के साथ खड़ा है.”
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की मिसाल
नेपाल ने यह भी दोहराया कि वह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है. आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में नेपाल की यह स्थिति भारत के लिए एक नैतिक समर्थन के रूप में देखी जा रही है. यह कदम उन पड़ोसी देशों के लिए एक उदाहरण है जो आतंकवाद पर निष्क्रिय या तटस्थ रुख अपनाते हैं.
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