सोशल मीडिया पर अश्लीलता अब नहीं चलेगी, सरकार लाएगी डिजिटल इंडिया बिल

    सरकार सख्त नियंत्रण की योजना बना रही है, खासकर अश्लील और भड़काऊ सामग्री को रोकने के लिए. स्पेशल रेगुलेशन: दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना एवं प्रसारण के लिए अलग-अलग प्रावधान होंगे.

    सोशल मीडिया पर अश्लीलता अब नहीं चलेगी, सरकार लाएगी डिजिटल इंडिया बिल
    आईटी मंत्रालय का बोर्ड, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- Social media

    नई दिल्ली : सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार एक नए "डिजिटल इंडिया बिल" पर काम कर रही है. यह नया कानून मौजूदा आईटी एक्ट, 2000 की जगह लेगा और सोशल मीडिया यूजर्स, यूट्यूबर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने के लिए नए प्रावधान जोड़े जाएंगे.

    डिजिटल इंडिया बिल: क्या होगा खास?

    सोशल मीडिया कंटेंट की निगरानी: सरकार कंटेंट पर सख्त नियंत्रण रखने की योजना बना रही है, खासकर अश्लील और भड़काऊ सामग्री रोकने के लिए.

    स्पेशल रेगुलेशन: दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना एवं प्रसारण के लिए अलग-अलग प्रावधान होंगे.

    AI गवर्नेंस: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नियमन के लिए अलग से कानून लाने की योजना है.

    यूजर्स और प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को गाइडलाइंस के अनुसार कंटेंट मॉडरेट करना होगा.

    सोशल मीडिया पर अश्लीलता रोकने की जरूरत क्यों?

    पुराने आईटी एक्ट की सीमाएं:

    -आईटी एक्ट, 2000 तब बना था जब देश में सिर्फ 60 लाख इंटरनेट यूजर्स थे, लेकिन अब यह संख्या 90 करोड़ से ज्यादा हो गई है. मौजूदा कानून तेजी से -बढ़ते डिजिटल युग के अनुरूप नहीं है.
    -सुप्रीम कोर्ट और संसदीय समिति का दबाव:
    -सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वह आईटी एक्ट की कमियों को कैसे दूर करेगी. वहीं, संसदीय समिति ने भी अश्लील और भड़काऊ कंटेंट को -नियंत्रित करने के लिए जवाब मांगा है.

    रणवीर अल्लाहबादिया विवाद

    सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर अलाहबादिया से जुड़े विवाद के कारण सरकार ने इस बिल को प्राथमिकता दी है.

    सरकार की मौजूदा गाइडलाइंस और नियम

    सरकार ने 2021 में The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules जारी किए थे, जिसे अप्रैल 2023 में अपडेट किया गया था.

    मुख्य प्रावधान:

    सेल्फ-रेगुलेशन:
    -सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और OTT को खुद सुनिश्चित करना होगा कि उनका कंटेंट चाइल्ड पोर्नोग्राफी, अश्लीलता, देश-विरोधी या महिलाओं/बच्चों के लिए हानिकारक न हो.
    -कंटेंट को अपलोड करने वाले भी इसकी जिम्मेदारी लेंगे.

    शिकायत निवारण तंत्र:

    -हर प्लेटफॉर्म पर ग्रीवांस ऑफिसर रखना अनिवार्य होगा.
    -किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट पर 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करनी होगी.
    -15 दिनों के भीतर समाधान करना अनिवार्य होगा.
    -शिकायतकर्ता सूचना प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर भी अपील कर सकते हैं.

    बैन ऐप्स के वीडियो अब भी टेलीग्राम पर उपलब्ध

    -12 मार्च 2024 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 18 अश्लील OTT प्लेटफॉर्म्स, 19 वेबसाइट्स, 10 ऐप्स और 57 सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया था.

    हालांकि, जांच में पता चला कि इन बैन किए गए प्लेटफॉर्म्स का कंटेंट अब टेलीग्राम चैनलों पर उपलब्ध है, और कुछ वीडियो 2025 तक अपलोड किए जा रहे हैं.

    नेटफ्लिक्स, ऑल्ट बालाजी और X (ट्विटर) के खिलाफ शिकायत

    पूर्व सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर उदय महूरकर ने दिल्ली पुलिस में नेटफ्लिक्स, ऑल्ट बालाजी और X (ट्विटर) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. उनका कहना है कि ये प्लेटफॉर्म्स अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित कर रहे हैं.