NCRB Report on UP Crime: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताज़ा रिपोर्ट ‘क्राइम इन इंडिया 2023’ ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में हुए व्यापक सुधारों को उजागर किया है. देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य में अपराध दर में 25 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है. खास बात यह है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी यूपी ने बेहतर प्रदर्शन किया है और सांप्रदायिक दंगों की संख्या शून्य रही है.
अपराध दर में 25 प्रतिशत की कमी
2023 में देश भर में प्रति लाख आबादी पर औसतन 448.3 अपराध दर्ज हुए, जबकि उत्तर प्रदेश में यह संख्या मात्र 335.3 रही. यह गिरावट राज्य की विशाल जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए और भी प्रभावशाली लगती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ‘लगाम’ का परिणाम बताया है, जो पिछले सात वर्षों से लागू रणनीतियों और सख्त कानून प्रवर्तन की सफलता को दर्शाता है.
महिलाओं की सुरक्षा में मजबूती
उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में कई बड़े राज्यों से आगे निकल गया है. राज्य में प्रति लाख महिला आबादी पर अपराध दर 58.6 रही, जो राष्ट्रीय औसत 66.2 से 11 प्रतिशत कम है. यह आंकड़ा दिल्ली, तेलंगाना, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों की तुलना में बहुत बेहतर है. विशेषज्ञों का मानना है कि ‘मिशन शक्ति’ जैसे अभियान महिलाओं को न्याय दिलाने और अपराध रिपोर्टिंग बढ़ाने में कारगर साबित हुए हैं. 2023 में महिलाओं के खिलाफ मामलों में चार्जशीट दाखिल करने की दर 77.6 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो देश में सबसे अधिक है.
सांप्रदायिक दंगों की शून्य संख्या
एनसीआरबी रिपोर्ट ने यह भी बताया है कि उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों की संख्या शून्य रही. यह 2017 से चली आ रही ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति की पुष्टि करता है, जिसने राज्य में धार्मिक सद्भाव बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे प्रदेश में शांति और समरसता की जीत बताया है. देश भर में सांप्रदायिक दंगों के 272 मामले दर्ज हुए, लेकिन यूपी का यह आंकड़ा सभी के लिए मिसाल बना है.
तकनीक और पारदर्शिता
उत्तर प्रदेश में अपराध दर में आई कमी का श्रेय सख्त कानून व्यवस्था, तकनीकी सुधारों और पारदर्शी प्रशासन को दिया जा रहा है. पुलिस महानिदेशक ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों की तैनाती, फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना और डिजिटल निगरानी ने अपराधियों को लगातार दबाव में रखा है. ये प्रयास अपराध नियंत्रण में प्रभावी साबित हो रहे हैं. विपक्ष की आलोचनाओं के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि ये आंकड़े प्रदेश की वास्तविक प्रगति दर्शाते हैं.
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