Flood In India: उत्तर भारत इन दिनों भीषण प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है. पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. इस आपदा में सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य पंजाब रहा, जहां सतलुज और ब्यास जैसी प्रमुख नदियों के उफान ने हज़ारों गांवों को डुबो दिया है.
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने जानकारी दी कि पौंग बांध के इतिहास में अब तक की सबसे ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. उनका कहना है कि बांधों में सीमित भंडारण क्षमता के कारण जब पानी अपनी सीमा पार कर जाता है, तो उसे डाउनस्ट्रीम में छोड़ना अनिवार्य हो जाता है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है.
पौंग बांध में रिकॉर्ड तोड़ पानी, पंजाब में 2000 गांव डूबे
1988 के बाद यह पहला मौका है जब पौंग बांध में 11.7 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) पानी दर्ज किया गया है, जो पिछले रिकॉर्ड 7.9 BCM से कहीं अधिक है. बारिश की यही अत्यधिक मात्रा पंजाब में बाढ़ का मुख्य कारण बनी. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ये बांध न होते, तो जून से ही पंजाब डूबने लगता.
हरियाणा में सेना की तैनाती, यमुना का जलस्तर गिरा
हरियाणा में भी हालात गंभीर हैं. झज्जर के बहादुरगढ़ में बाढ़ से निपटने के लिए सेना के 80 जवानों को तैनात किया गया है. यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज पर जलस्तर अब खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन कई क्षेत्रों में सड़कों पर अभी भी पानी भरा हुआ है, जिससे यातायात बाधित है.
हिमाचल में भूस्खलन और तबाही, कई मार्ग बंद
हिमाचल प्रदेश में बारिश के साथ-साथ भूस्खलन ने भी तबाही मचाई है. कुल्लू, चंबा और मंडी जैसे जिलों में कई जानें जा चुकी हैं. कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर सुरंग धंसने की घटना और चंबा-तीसा मार्ग पर कार दुर्घटना ने चिंता और बढ़ा दी है. राज्य में अभी भी 1000 से अधिक सड़कें बंद हैं.
चारधाम यात्रा फिर से शुरू, राहत की उम्मीद
उत्तराखंड में अब मौसम में सुधार देखा गया है और चारधाम यात्रा, जो पिछले पांच दिनों से स्थगित थी, शनिवार से दोबारा शुरू कर दी गई है. हालांकि, गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वाले मार्ग अब भी अवरुद्ध हैं.
कश्मीर में वुलर झील बनी नई चिंता
कश्मीर घाटी में झेलम नदी का जलस्तर तो कुछ हद तक सामान्य हो गया है, लेकिन अब बांडीपोरा स्थित वुलर झील का बढ़ता जलस्तर चिंता का कारण बन गया है. प्रशासन ने निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है.
राजस्थान में बांध टूटे, घरों में घुसा पानी
राजस्थान के दौसा, अजमेर और उदयपुर जिलों में बारिश से जनजीवन प्रभावित है. मोरल बांध और बोराज तालाब की दीवार टूटने से हजारों घर जलमग्न हो गए हैं.
अरुणाचल में झील फटने की आशंका
अरुणाचल प्रदेश में ग्लेशियरों के तेज़ी से पिघलने से बनी झीलों के फटने का खतरा मंडरा रहा है. वैज्ञानिकों ने चेताया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में और गंभीर हालात उत्पन्न हो सकते हैं.
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