NATO की उड़ी नींद! पुतिन ने यूरोप के नाक के नीचे बना डाला जासूसी केंद्र, जानें क्यों है इतना अहम

    Russia Kaliningrad Base NATO: जब दुनिया की निगाहें रूस-यूक्रेन जंग पर टिकी हैं, तब रूस ने चुपचाप एक नई मोर्चेबंदी शुरू कर दी है, इस बार यूरोप के केंद्र में, नाटो के दो प्रमुख देश हैं. रूस अपने रणनीतिक सैन्य क्षेत्र "कलिनिनग्राद" में एक अत्याधुनिक खुफिया और निगरानी अड्डा खड़ा कर रहा है, जिसकी तस्वीरें अब सैटेलाइट के ज़रिए दुनिया के सामने आ चुकी हैं.

    NATO lost its sleep Putin built a spying center right under Europe nose Kaliningrad
    Image Source: Social Media

    Russia Kaliningrad Base NATO: जब दुनिया की निगाहें रूस-यूक्रेन जंग पर टिकी हैं, तब रूस ने चुपचाप एक नई मोर्चेबंदी शुरू कर दी है, इस बार यूरोप के केंद्र में, नाटो के दो प्रमुख देश हैं. रूस अपने रणनीतिक सैन्य क्षेत्र "कलिनिनग्राद" में एक अत्याधुनिक खुफिया और निगरानी अड्डा खड़ा कर रहा है, जिसकी तस्वीरें अब सैटेलाइट के ज़रिए दुनिया के सामने आ चुकी हैं.

    कलिनिनग्राद, जो पोलैंड और लिथुआनिया के बीच बसा है, लंबे समय से रूस के लिए सामरिक दृष्टि से अहम रहा है, लेकिन अब यह क्षेत्र जासूसी युद्ध का नया अड्डा बनने जा रहा है. ताजा ओपन-सोर्स रिपोर्ट्स और सैटेलाइट इमेजेस इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि यहां शीत युद्ध कालीन तकनीकों को आधुनिक रूप देकर रूस ने एक बड़ा खुफिया नेटवर्क तैयार करना शुरू कर दिया है.

    2023 में शुरू हुआ जासूसी केंद्र का निर्माण

    टोचनी नामक ओपन-सोर्स रिसर्च ग्रुप के अनुसार, यह परियोजना मार्च 2023 में शुरू हुई और तब से इसमें तेजी से काम हो रहा है. यह अड्डा रूसी नौसेना के बाल्टिक फ्लीट के एयरबेस के दक्षिण में और बाल्टिक सागर तट से करीब 60 मील की दूरी पर स्थित है.

    सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिलता है कि इस खुफिया परिसर में रेडियो सिग्नल इंटरसेप्शन की क्षमता, दिशा निर्धारण (Direction Finding), लंबी दूरी के सैन्य संचार और विरोधी सेनाओं की गतिविधियों की निगरानी जैसे कार्य हो सकते हैं. इसकी पुष्टि जमीन पर मौजूद विशाल सर्कुलर एरे, चारदीवारी, सुरक्षा चौकियां और चेकपॉइंट्स साफ तौर पर करते हैं.

    क्यों है यह अड्डा इतना अहम?

    अगर यह अड्डा पूरी तरह सक्रिय हो जाता है, तो यह नाटो के कमांड और संचार नेटवर्क की सीधी निगरानी के लिए रूस को अभूतपूर्व ताकत देगा. यह क्षेत्र जर्मनी के कुछ हिस्सों तक की संचार गतिविधियों को इंटरसेप्ट कर सकता है.

    टोचनी के मुताबिक, यह अड्डा रडार सिग्नल्स, सामरिक प्रसारण और नाटो के रसद चैनलों को ट्रैक कर सकता है. इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि यह न सिर्फ निगरानी कर सकता है, बल्कि कम्युनिकेशन नेटवर्क को जाम करने या दिग्भ्रमित करने में भी सक्षम है, जो किसी भी संभावित संघर्ष में रूस को रणनीतिक बढ़त दे सकता है.

    पहले से सैन्यीकृत है कलिनिनग्राद

    यह भी ध्यान देने योग्य है कि कलिनिनग्राद कोई सामान्य रूसी भूभाग नहीं है. यह पहले से ही रूस की सैन्य तैनाती का एक किला है, जहां मिसाइल सिस्टम, रडार स्टेशन और गहन सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है. नाटो के लिए यह क्षेत्र हमेशा एक चिंता का विषय रहा है, क्योंकि यह उत्तर यूरोप के हवाई और समुद्री मार्गों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है.

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