National Technology Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल टेक्नोलॉजी डे के अवसर पर देश के वैज्ञानिक समुदाय को नमन करते हुए 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों को याद किया. यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच सीमावर्ती तनाव के बाद सीजफायर की घोषणा हुई है. ऐसे में प्रधानमंत्री का यह संदेश सिर्फ अतीत की गौरवगाथा नहीं, बल्कि आने वाले भविष्य के लिए एक स्पष्ट दिशा भी है.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि, "नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर शुभकामनाएं! यह दिन हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व जताने और 1998 के पोखरण परीक्षणों को याद करने का अवसर है. यह हमारे राष्ट्र की विकास यात्रा में एक मील का पत्थर था, खासकर आत्मनिर्भरता की दिशा में."
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि "भारत आज विज्ञान और तकनीक के विभिन्न क्षेत्रों जैसे अंतरिक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल इनोवेशन और ग्रीन टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है." उन्होंने विज्ञान और शोध के माध्यम से भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई. पीएम मोदी ने कहा, "तकनीक मानवता को ऊपर उठाए, हमारे राष्ट्र को सुरक्षित बनाए और भविष्य की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करे."
Best wishes on National Technology Day! This is a day to express pride and gratitude to our scientists and remember the 1998 Pokhran tests. They were a landmark event in our nation’s growth trajectory, especially in our quest towards self-reliance.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 11, 2025
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पीएम मोदी ने ऐसा क्यों कहा?
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर संघर्ष विराम की स्थिति बनी है. ऐसे में प्रधानमंत्री का टेक्नोलॉजी पर केंद्रित बयान यह संकेत देता है कि भारत अब युद्ध की बातों से आगे निकलकर तकनीकी आत्मनिर्भरता और सामरिक सशक्तिकरण की नीति को प्राथमिकता दे रहा है. यह दृष्टिकोण न केवल सैन्य शक्ति के क्षेत्र में, बल्कि आर्थिक और तकनीकी रूप से विकासशील नहीं बल्कि निर्धारित दिशा वाला विकसित राष्ट्र बनने की सोच को दर्शाता है.
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