'कांग्रेस के लिए मुसीबत बनेगी ED...', अखिलेश यादव बोले हमने पहले दी थी चेतावनी

    National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा आरोपपत्र दाखिल किए जाने को लेकर सियासी घमासान जारी है. इसी बीच समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ED जैसे विभाग की जरूरत नहीं है और इसे खत्म कर देना चाहिए.

    'कांग्रेस के लिए मुसीबत बनेगी ED...', अखिलेश यादव बोले हमने पहले दी थी चेतावनी
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    National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा आरोपपत्र दाखिल किए जाने को लेकर सियासी घमासान जारी है. इसी बीच समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ED जैसे विभाग की जरूरत नहीं है और इसे खत्म कर देना चाहिए.

    ED को खत्म किया जाए 

    "मेरे अनुसार ED जैसे विभाग को खत्म कर देना चाहिए. मैं कांग्रेस से कहूंगा कि वे भी इसकी मांग करें. देश में आर्थिक अपराधों की जांच के लिए पहले से ही आयकर विभाग और GST जैसी एजेंसियां मौजूद हैं. अगर आपने ED बनाई है, तो इसका मतलब है कि आप अपनी ही संस्थाओं पर भरोसा नहीं कर रहे हैं."

    कांग्रेस के शासन में हुआ था विरोध 

    अखिलेश यादव ने आगे कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जब ED कानून बना था, तब कई पार्टियों ने इसका विरोध किया था और चेतावनी दी थी कि यह कानून भविष्य में कांग्रेस के लिए ही मुसीबत बन सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में जो भी नेता बीजेपी के खिलाफ बोलता है, उसके खिलाफ ED, CBI और आयकर विभाग की कार्रवाई शुरू हो जाती है.

    कांग्रेस क्या बोली?

    इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बीजेपी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस नेताओं को निशाना बना रही है ताकि अपनी नाकामियों से लोगों का ध्यान भटका सके. खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
    "आपकी तानाशाही सरकार कांग्रेस को निशाना बनाकर अपने पाप धोने में लगी है. बीजेपी की आर्थिक नाकामी बेकाबू होती जा रही है. ना कोई विज़न है, ना समाधान, बस ध्यान भटकाने की कोशिशें हैं."

    गौरतलब है कि मंगलवार को ED ने दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और कुछ कंपनियों समेत कई लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. इस केस में अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी, जब कोर्ट यह तय करेगा कि इस पर आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू की जाए या नहीं.