नई दिल्ली: 26/11 मुंबई आतंकी हमले से जुड़े एक अहम मोड़ पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार, 3 मई को मामले के प्रमुख संदिग्ध तहव्वुर हुसैन राणा की आवाज और हस्तलेखन के नमूने एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में एकत्र किए. यह कदम हमले की जांच में साक्ष्य जुटाने के प्रयासों का हिस्सा है.
राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मजिस्ट्रेट वैभव कुमार के समक्ष पेश किया गया, जहां उससे निर्धारित तरीके से वर्णमाला के अक्षर और संख्याएं लिखवाई गईं और आवाज़ के नमूने रिकॉर्ड किए गए.
कस्टडी में विस्तार, जांच में तेजी
इससे पहले 30 अप्रैल को कोर्ट ने एनआईए को राणा के नमूने लेने की अनुमति दी थी. राणा फिलहाल एनआईए की हिरासत में है, जिसे 28 अप्रैल को 12 दिनों के लिए बढ़ाया गया था. एजेंसी ने 10 अप्रैल को उसे अमेरिका से विशेष विमान द्वारा भारत लाकर हिरासत में लिया था.
राणा, एक कनाडाई नागरिक और पूर्व पाकिस्तानी सैन्य चिकित्सक, अक्टूबर 2009 में अमेरिका के शिकागो में एफबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था. उस पर भारत में 2008 में हुए आतंकवादी हमले और डेनमार्क के कोपेनहेगन में साजिश रचने में शामिल होने का आरोप है.
परिवार से संपर्क की अनुमति नहीं
राणा की ओर से दायर एक याचिका, जिसमें उसने अपने परिवार से बातचीत की अनुमति मांगी थी, कोर्ट ने 24 अप्रैल को खारिज कर दी. राणा के वकील ने दलील दी थी कि एक विदेशी नागरिक के तौर पर यह उसका मौलिक अधिकार है, लेकिन NIA ने इस पर आपत्ति जताई. एजेंसी का तर्क था कि ऐसे किसी संवाद से जांच में संवेदनशील सूचनाएं लीक हो सकती हैं.
पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा राणा
सूत्रों के मुताबिक, NIA और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने राणा से कई दौर की पूछताछ की है. 23 अप्रैल को हुई एक आठ घंटे की पूछताछ में राणा ने सवालों के स्पष्ट उत्तर देने से परहेज़ किया और सहयोग नहीं किया.
बहु-देशीय कनेक्शन वाला संदिग्ध
64 वर्षीय तहव्वुर राणा की पृष्ठभूमि जटिल रही है. पाकिस्तान में सेना के चिकित्सा विभाग में सेवा देने के बाद वह कनाडा गया, जहां उसने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी का व्यवसाय शुरू किया. इसके बाद वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो में "फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज" नाम से फर्म की स्थापना की. कोर्ट रिकॉर्ड्स के अनुसार, राणा कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और यूके जैसे देशों की यात्रा कर चुका है और उसे सात भाषाएं आती हैं.
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