MP: मोहन सरकार की सोयाबीन किसानों को बड़ी सौगात, इस दिन खाते में आएंगे ₹1300 एक्स्ट्रा

    Bhavantar Yojana MP: मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का पूरा लाभ सुनिश्चित करने के लिए एक राहत पैकेज का ऐलान किया है.

    MP government will provide 1,300 quintals of soybean to farmers Bhavantar Yojana
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    Bhavantar Yojana MP: मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का पूरा लाभ सुनिश्चित करने के लिए एक राहत पैकेज का ऐलान किया है. इस योजना के तहत, किसानों को प्रति क्विंटल 1,300 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे. यह राशि आगामी 13 नवंबर को सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी.

    भावांतर योजना से मिल रही राहत

    प्रदेश सरकार ने किसानों को मंडियों में कम कीमत मिलने के कारण हो रही समस्याओं का समाधान ढूंढ़ते हुए भावांतर योजना लागू की है. इस योजना के तहत, मंडियों में हुई बिक्री के औसत मूल्य के आधार पर एक मॉडल रेट तय किया गया है. इस बार सोयाबीन के लिए 4,000 रुपये का मॉडल रेट निर्धारित किया गया है. इसके बाद, सरकार अपने हिस्से से अतिरिक्त 1,300 रुपये की राशि किसान के खाते में डालेगी, ताकि उनका नुकसान कम हो सके और वे MSP का पूरा लाभ उठा सकें.

    योजना में पंजीकरण करवाने वाले किसान

    इस योजना का लाभ लेने के लिए अब तक 9 लाख से अधिक किसान पंजीकरण करवा चुके हैं. सोयाबीन के समर्थन मूल्य को लेकर सरकार की यह पहल किसानों को काफी राहत देने वाली साबित हो सकती है, खासकर तब जब मंडियों में इस मूल्य से कम पर सोयाबीन बिक रही है. योजना के अंतर्गत पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2026 तक रखी गई है, जो किसानों को पर्याप्त समय प्रदान करती है.

    मुख्यमंत्री ने की घोषणा

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को भोपाल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस योजना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सोयाबीन के प्रति क्विंटल मॉडल रेट को 4,000 रुपये से ऊपर निर्धारित किया गया है, और सरकार किसानों को उनकी उपज का पूर्ण लाभ दिलाने के लिए इस अतिरिक्त सहायता राशि को 13 नवंबर को उनके खातों में ट्रांसफर कर देगी.

    किसानों को मिलेगी आर्थिक मदद

    इस कदम से न केवल किसानों को वित्तीय मदद मिलेगी, बल्कि वे अपनी उपज को सही मूल्य पर बेचने में भी सक्षम होंगे. राज्य सरकार की यह पहल सोयाबीन किसानों के लिए एक बड़ा राहत पैकेज साबित हो सकती है, जो उन्हें आर्थिक तौर पर सशक्त बनाएगी.

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