MP News: मध्य प्रदेश के लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्यभर में 148 शव वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया है. इससे राज्य के सरकारी अस्पतालों में अब मृतकों के शव को उनके घर तक मुफ्त में पहुंचाने की सुविधा शुरू हो गई है. इस पहल के तहत, अगर किसी मरीज या घायल की मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को शव को अस्पताल से घर ले जाने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा. सरकार इस योजना का पूरा खर्च उठाएगी, और यह सुविधा मंगलवार से सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हो जाएगी.
मध्य प्रदेश सरकार की नई पहल
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस महत्वपूर्ण योजना का शुभारंभ किया, जिसके तहत 148 निःशुल्क शव वाहन प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में तैनात किए गए हैं. यह कदम प्रदेश के लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि अब परिजनों को शव के अंतिम संस्कार के लिए अस्पताल से शव ले जाने में कोई कठिनाई नहीं होगी. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल और स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र पटेल भी मौजूद थे, जिन्होंने इस पहल को समर्थन दिया.
आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को मिलेगी मदद- सीएम
इसकी जानकारी देते हुए सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा कि 'आज भोपाल निवास पर आयोजित कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत निःशुल्क शासकीय शव वाहन सेवा का शुभारंभ कर वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके अंतर्गत समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों वाले जिलों में 4 और शेष अन्य जिला चिकित्सालयों हेतु 2 को मिलाकर कुल 148 शव वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इस सेवा के शुरू होने से विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को अपने स्वजन की अंतिम यात्रा सम्मानपूर्वक संपन्न कराने में सहायता मिलेगी.'
राज्य सरकार का भरपूर समर्थन
सरकार ने इस योजना को पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारी माना है और इसके संचालन के लिए सभी खर्चों का भार अपने ऊपर लिया है. अब मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पतालों से शव को घर तक पहुंचाने का खर्च राज्य सरकार उठाएगी, जिससे लोगों को आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा. यह कदम राज्य के नागरिकों के लिए एक अहम सामाजिक सुरक्षा साबित हो सकता है.
राहगीर योजना से मिलेगी और मदद
इसके अलावा, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने "राहगीर योजना" का भी ऐलान किया है. इस योजना के तहत, अगर किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचा दिया जाता है और उसकी जान बच जाती है, तो उसे सरकार द्वारा 25,000 रुपये की सहायता दी जाएगी. यह योजना दुर्घटनाओं से बचाव और घायलों के इलाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.
ये भी पढ़ें: 'मध्य प्रदेश के लिए MP शब्द का इस्तेमाल न हो', अनोखी मांग लेकर HC पहुंचा शख्स, कोर्ट ने दिया ये जवाब