MP News: रक्षाबंधन से पहले मध्य प्रदेश की बहनों के चेहरे पर मुस्कान और आत्मनिर्भरता की चमक दोनों एक साथ देखने को मिली, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 7 अगस्त, गुरुवार को राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में एक भव्य समारोह के दौरान करोड़ों बहनों के खातों में लाडली बहना योजना की अगली किश्त और विशेष रक्षाबंधन शगुन ट्रांसफर किया.
मुख्यमंत्री ने एक साथ दो किस्तों में बड़ी राशि ट्रांसफर की. पहले 1541.76 करोड़ रुपए और फिर 317 करोड़ रुपए सीधे 1 करोड़ 26 लाख 89 हजार से ज्यादा बहनों के खातों में जमा किए गए. हर बहन को ₹1250 के साथ-साथ रक्षाबंधन के मौके पर ₹250 का विशेष ‘शगुन’ भी दिया गया. इस बड़े कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नरसिंहगढ़ की सड़कों पर रोड शो किया, जहां लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इसके बाद बड़ी संख्या में महिलाओं और बहनों ने सीएम को राखी बांधकर अपना प्रेम और विश्वास जताया.
गैस सिलेंडर के लिए भी मिली राहत
सरकार की इस सौगात का दायरा सिर्फ नकद ट्रांसफर तक सीमित नहीं रहा. 28 लाख से अधिक बहनों को गैस सिलेंडर रीफिलिंग के लिए 43.90 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद भी दी गई. इससे साफ है कि सरकार महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत कर रही है, बल्कि उनके दैनिक जीवन की जरूरतों को भी समझ रही है.
'बहनों का प्रेम जीवनभर नहीं भूलूंगा'
इस मौके पर सीएम मोहन यादव ने कहा, "हम लाड़ली बहनों की राशि धीरे-धीरे बढ़ाएंगे. हमारी सरकार 41 हजार करोड़ की राशि बहनों को दे चुकी है. बहनों के हाथ में रुपये देने से उसका सदुपयोग होता है. बहनें एक-एक रुपया बचाकर घर को संभालती हैं. बहनें अपना पेट काटकर घर का ख्याल रखती हैं. मैं बहनों का प्रेम जीवनभर नहीं भूलूंगा. बहनों को दीपावली के बाद भाईदूज से 1500 रुपये मिलने लगेंगे."
उन्होंने आगे कहा, "हमारा संकल्प है कि हम बहनों को तीन हजार रुपये देंगे. बहनें अगर रोजगारपरक कारखाने में जाएगी तो उन्हें सरकार 5 हजार रुपये देगी. इसके अलावा कारखाने का मालिक अलग रुपये देगा. हमारी सरकार हॉस्टल बनाकर महिलाओं को रात में काम करने की छूट दे रही हैं. हम भाइयों को भी रोजगारपरक कारखाने में काम करने के लिए रुपये देंगे. बहनें भगवान की तरह होती हैं."
"भगवान की तरह होती हैं बहनें"
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि बहन तो है ही भगवान की तरह, जो सारी गलतियां माफ कर देती है. बेटी के घर में आने से पिता की आंखें चमक उठती हैं. बेटी जब घर में कदम रखती है तो उस वक्त इतना आनंद आता है, जो भगवान के आने पर भी नहीं होता. बेटी से ज्यादा पिता को कोई सुख नहीं दे सकता. वह अपने मायके की भी चिंता करती है और ससुराल की भी.
उन्होंने कहा कि हमें इस पर गर्व है. जिस घर में बेटी नहीं होती, वह अधूरा रहता है. जिसमें भाई-बहन सब हों, उस घर को स्वर्ग माना जाता है. संसार में हर रिश्ते का महत्व है. उन्होंने कहा कि भाई के लिए भांजी का विवाह करना सौभाग्यशाली होता है. भारतीय संस्कृति में ही भांजे-भांजियों को बेटे-बेटियों से ज्यादा महत्व दिया जाता है. रेशम के धागे में सभी ताकतों से ज्यादा ताकत होती है.
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