मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार की सुगबुगाहट तेज, सीएम मोहन यादव ने मंत्रियों से मांगी रिपोर्ट

    CM Mohan Yadav Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार के दो साल पूरे होने को हैं और इस मौके पर राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं.

    MP Cabinet Expansion CM Mohan Yadav sought reports from ministers
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    CM Mohan Yadav Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार के दो साल पूरे होने को हैं और इस मौके पर राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं. खासकर, बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा और NDA की शानदार जीत के बाद से यह चर्चा और जोर पकड़ चुकी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अब अपने मंत्रियों से उनके विभाग के कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिससे यह साफ होता है कि आगामी बदलावों में केवल प्रदर्शन के आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा. इस रिपोर्ट के आधार पर ही यह तय होगा कि कौन मंत्री बनेगा और किसे बाहर किया जाएगा.

    मंत्रियों की कार्यप्रदर्शन पर होगी नजर

    राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री मोहन यादव यह जानना चाहते हैं कि वर्तमान मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों में कितनी निष्ठा और प्रभावी कार्य किया है. सरकार के प्रदर्शन को लेकर पार्टी आलाकमान काफी सतर्क है, और ऐसा माना जा रहा है कि जिन मंत्रियों के कार्यों पर सवाल उठ सकते हैं, उनके लिए कैबिनेट में कोई जगह नहीं होगी. इसके अलावा, जो मंत्री अच्छे कार्यों के साथ जनता में लोकप्रिय हैं, उन्हें फिर से पद पर बनाए रखने का प्रयास किया जा सकता है.

    कुछ पुराने चेहरों को मिल सकती है नई जगह

    इस बार, मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कुछ नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है. जिन नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, मालिनी गौड़, अर्चना चिटनिस, अजय विष्णोई, हरिशंकर खटीक और ललिता यादव शामिल हैं. इन नेताओं को मंत्री बनाने की मांग उनके समर्थकों द्वारा लगातार की जा रही थी, और अब उन्हें राज्य की राजनीति में अपनी पुनर्वापसी का एक अच्छा मौका मिल सकता है.

    केंद्रीय स्तर पर भी जिम्मेदारियां संभव

    कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के लिए यह भी संभावना जताई जा रही है कि उन्हें केंद्रीय संगठन में अहम जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं. पार्टी आलाकमान की रणनीति यह हो सकती है कि जो मंत्री राज्य स्तर पर प्रभावी नहीं दिख रहे हैं, उन्हें केंद्रीय राजनीति में अहम भूमिका दी जाए. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री मोहन यादव के बिहार चुनाव में किए गए प्रभावशाली प्रचार को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में उनके योगदान की सराहना हो रही है. यह संभव है कि पार्टी आलाकमान उन्हें मंत्रिमंडल में पूरी छूट दे, ताकि वे अपनी पसंद से टीम का गठन कर सकें.

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