उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले से एक अनोखी और चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां एक महिला ने न सिर्फ अपने पति को छोड़ दिया, बल्कि उसने अपने बड़े बेटे से उम्र में छोटे युवक से शादी कर ली. यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बन चुका है. जहां एक ओर लोगों के लिए यह एक हैरान करने वाली घटना है, वहीं दूसरी ओर यह यह कहानी भी बयां करती है कि प्यार उम्र, रिश्ते और सामाजिक बंधनों को कभी नहीं देखता.
पति से अलग, प्रेमी से शादी
घटना उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के हुसेनपुर खुर्द गांव की है, जहां रहने वाली एक महिला, मुन्नी देवी, जो कि पांच बच्चों की मां थी, ने अपने पति के सामने ही अपने प्रेमी से शादी कर ली. और वह प्रेमी उस महिला के बड़े बेटे की उम्र के बराबर था. इस शादी ने न सिर्फ पति को हैरान किया, बल्कि पूरे गांव में इसे लेकर चर्चा का बाजार भी गर्म हो गया. जब पति को यह सब पता चला, तो उसने मायूस होकर सिर्फ यही कहा कि अगर पत्नी उसे छोड़कर जा रही है, तो वह क्या कर सकता है.
कबाड़ी वाले से हुई प्रेम कहानी
कहानी की शुरुआत तब हुई जब निखिल नामक युवक, जो कि एक कबाड़ी था, अपना जीवन यापन करने के लिए देवरिया जिले के भटनी थाना क्षेत्र में फेरी लगाकर कबाड़ खरीदता था. वहीं उसकी मुलाकात मुन्नी देवी से हुई. मुन्नी, जो पहले से शादीशुदा थी और पांच बच्चों की मां थी, को निखिल से प्यार हो गया. निखिल ने भी मुन्नी की उम्र और परिवार का कोई ख्याल नहीं किया. दोनों ने इस रिश्ते को आगे बढ़ाने का फैसला किया, और यहीं से उनका प्यार परवान चढ़ा.
पति को छोड़ प्रेमी के साथ मंदिर में शादी
इस घटना के बाद मुन्नी का पति घर पर हंगामा करने लगा, लेकिन मुन्नी अपने फैसले से पीछे नहीं हटी. समाज के लोग इस रिश्ते को गलत मानते हुए महिला को समझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रही. अंततः, मुन्नी और निखिल ने आलापुर थाना क्षेत्र के एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली. दिलचस्प बात यह थी कि मुन्नी का पति भी इस शादी में शामिल हुआ.
समाज और परिवार का क्या था रिएक्शन?
जब मुन्नी ने अपने पति को छोड़कर प्रेमी से शादी कर ली, तो यह बात पूरे गांव में फैल गई. लोग इस रिश्ते को लेकर चुप नहीं रह पाए और बस एक ही सवाल पूछते रहे, “इस प्यार को क्या नाम दें?” यह सवाल गांववालों के बीच चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि यह घटना न सिर्फ एक पति-पत्नी के रिश्ते को तोड़ने का मामला था, बल्कि यह समाज और परिवार की परंपराओं पर भी सवाल उठाता था.
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