बैंकॉक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां गुरुवार शाम को उन्होंने BIMSTEC शिखर सम्मेलन से पहले आयोजित राजकीय रात्रिभोज में भाग लिया. इस दौरान उनकी मुलाकात बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस से हुई. इस बैठक में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी शामिल थे. यह दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की मुलाकात थी, जब से बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ है.
भारत-बांग्लादेश संबंधों में हालिया तनाव
बांग्लादेश में पिछले साल अगस्त में राजनीतिक बदलाव के बाद से दोनों देशों के संबंधों में कुछ मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है. हाल ही में, बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की चीन यात्रा के दौरान उनके एक बयान ने भारत में चर्चा पैदा कर दी थी. उन्होंने कहा था कि "भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र समुद्र तट से कटा हुआ है और बांग्लादेश इस क्षेत्र के लिए मुख्य प्रवेश द्वार है."
जयशंकर का जवाब: सहयोग व्यापक होना चाहिए
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूनुस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि भारत की 6,500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा है और यह पूरे दक्षिण एशिया और ASEAN देशों के लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु है. उन्होंने कहा, "हम सहयोग को व्यापक दृष्टिकोण से देखते हैं. यह केवल एकतरफा लाभ लेने का मामला नहीं होना चाहिए, बल्कि सभी पक्षों को परस्पर हितों को ध्यान में रखना चाहिए."
BIMSTEC सम्मेलन के बाद संभावित वार्ता
BIMSTEC सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच औपचारिक बैठक होने की संभावना है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश ने इस बैठक के लिए आधिकारिक अनुरोध किया है और भारत का विदेश मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है.
सात देशों का संगठन है BIMSTEC
BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) सात देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है, जो बंगाल की खाड़ी से जुड़े देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए काम करता है. इसकी स्थापना 1997 में हुई थी और इसमें बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं.
इस संगठन का उद्देश्य क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, व्यापार, आर्थिक सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना है. इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर प्रमुख चर्चा होने की उम्मीद है.
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