नई दिल्लीः भारत की संसद अब सीधे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद और पाकिस्तान के झूठे प्रचार का जवाब देने उतरने जा रही है. पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर मोदी सरकार ने एक अहम रणनीति तैयार की है, जिसके तहत सांसदों का बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल आठ अलग-अलग देशों का दौरा करेगा. इस पहल का मकसद है – भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को वैश्विक समर्थन दिलाना और पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को तथ्यों के साथ बेनकाब करना.
कांग्रेस नेता शशि थरूर को मिली बड़ी ज़िम्मेदारी
सरकार ने इस कूटनीतिक पहल में राजनीतिक संतुलन और व्यापकता दिखाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद डॉ. शशि थरूर को अमेरिका जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा है. थरूर विदेश नीति के गहरे जानकार माने जाते हैं और संयुक्त राष्ट्र समेत कई मंचों पर भारत की आवाज़ रहे हैं. वे अमेरिका में भारत का पक्ष रखेंगे और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की असलियत को वैश्विक पटल पर उजागर करेंगे.
क्यों उठाया गया यह कदम?
पहलगाम हमले और उसके जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी लॉन्च पैड्स को निशाना बनाकर कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है. यह जवाबी कार्रवाई न सिर्फ सरकार बल्कि पूरे राजनीतिक नेतृत्व की एकजुटता का प्रतीक बन गई है. इसी एकता को अब वैश्विक मंचों पर पेश करने के लिए यह बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल तैयार किया गया है.
8 देश, 8 टीम, एक मकसद
संसदीय कार्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने मिलकर यह योजना तैयार की है. 8 अलग-अलग देशों में जाने वाले 8 प्रतिनिधिमंडल बनाए गए हैं, जिनमें प्रत्येक टीम में सभी दलों के सांसद शामिल होंगे. हर ग्रुप में 5-6 सांसद होंगे और उनका नेतृत्व संबंधित दलों के वरिष्ठ नेता करेंगे.
इन मंचों से रखेंगे भारत का पक्ष
प्रतिनिधिमंडल का मकसद है—
भारत यह स्पष्ट करना चाहता है कि यह कार्रवाई किसी की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं थी, बल्कि अपने नागरिकों की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरत थी.
कब रवाना होंगे सांसद?
सूत्रों के मुताबिक, यह प्रतिनिधिमंडल 22 मई के बाद विदेश दौरों के लिए रवाना होगा. योजना के तहत कुल 43 से 45 सांसद इन आठ टीमों का हिस्सा बनेंगे. सभी सांसदों को विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों की समझ रखने वाले अनुभवी नेताओं में से चुना जा रहा है.
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