दिल्ली-NCR में आपदा से निपटने के लिए तैयारियां तेज, इन 18 जिलों में होगी मॉक ड्रिल

    ‘सुरक्षा चक्र अभ्यास’ का मुख्य उद्देश्य बड़े पैमाने पर आपदाओं, जैसे भूकंप और औद्योगिक रासायनिक खतरों, के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों, नागरिक सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना है.

    Mock drill will be conducted to deal with disaster in Delhi-NCR
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    नई दिल्ली: देशभर में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और भारतीय सेना के सहयोग से एक बहु-राज्यीय और बहु-एजेंसी आपदा प्रबंधन अभ्यास, ‘सुरक्षा चक्र अभ्यास’ आयोजित किया जाएगा. यह अभ्यास 29 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक आयोजित किया जाएगा और यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के 18 जिलों में एक साथ आयोजित होने वाला सबसे बड़ा और व्यापक आपदा प्रबंधन अभ्यास होगा.

    ‘सुरक्षा चक्र अभ्यास’ का मुख्य उद्देश्य बड़े पैमाने पर आपदाओं, जैसे भूकंप और औद्योगिक रासायनिक खतरों, के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों, नागरिक सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना है. इस अभ्यास के दौरान एक वास्तविक आपदा की स्थिति में प्रतिक्रिया का अनुकरण किया जाएगा, जिससे विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो सके. 1 अगस्त 2025 को इस अभ्यास का समापन एक पूर्ण पैमाने पर मॉक अभ्यास के साथ होगा, जिसमें भूकंप जैसी आपदाओं पर प्रतिक्रिया तंत्र का परीक्षण किया जाएगा. यह मॉक ड्रिल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 18 जिलों में आयोजित की जाएगी.

    क्या होगा अभ्यास में?

    यह अभ्यास विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें विभिन्न एजेंसियों की तैनाती, सायरन की आवाज, आपातकालीन वाहनों की आवाजाही, और कृत्रिम बचाव अभियान शामिल हैं. इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आपदा की स्थिति में शांत और सुरक्षित रहने के लिए तैयार करना है.

    1. आपातकालीन वाहनों की आवाजाही

    इस अभ्यास के दौरान सड़कों पर एम्बुलेंस, दमकल गाड़ियाँ, पुलिस वाहन और सेना के ट्रक सामान्य से अधिक संख्या में दिखाई देंगे. इसका उद्देश्य वास्तविक आपदा की स्थिति में इन वाहनों के लिए मार्गों को सुनिश्चित करना है.

    2. प्रतिक्रिया दलों की तैनाती

    राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), सशस्त्र बल, नागरिक सुरक्षा और अन्य एजेंसियों के कर्मियों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जाएगा. ये दल आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए त्वरित और सटीक कार्रवाई करेंगे.

    3. सायरन और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का इस्तेमाल

    अभ्यास की शुरुआत और विभिन्न चरणों की जानकारी देने के लिए सायरन या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग किया जाएगा. इससे नागरिकों को अभ्यास की गतिविधियों के बारे में सूचित किया जाएगा.

    4. क्षेत्रीय सुविधाओं की स्थापना

    अस्थायी राहत शिविरों, चिकित्सा सहायता चौकियों और आपदा कमान चौकियों को विभिन्न स्थानों पर स्थापित किया जाएगा. ये सुविधाएँ घटना के बाद त्वरित राहत प्रदान करने में सहायक साबित होंगी.

    5. कृत्रिम बचाव अभियान

    इस अभ्यास में प्रतिक्रिया दलों द्वारा खोज और बचाव कार्य, हताहतों को निकालने और कृत्रिम पीड़ितों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने का अनुकरण किया जाएगा.

    18 जिलों में आयोजित होगा मॉक अभ्यास

    यह मॉक अभ्यास दिल्ली के सभी 11 जिलों, हरियाणा के 5 जिलों और उत्तर प्रदेश के 2 जिलों में एक साथ आयोजित किया जाएगा. इन जिलों में दिल्ली (मध्य, पूर्वी, नई दिल्ली, उत्तरी, उत्तर-पूर्वी, उत्तर-पश्चिमी, शाहदरा, दक्षिणी, दक्षिण-पूर्वी, दक्षिण-पश्चिमी, पश्चिमी दिल्ली), हरियाणा (गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह, रेवाड़ी) और उत्तर प्रदेश (गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद) शामिल हैं.

    ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण

    इस अभ्यास में सरकार, सशस्त्र बल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CRPF), भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), और अन्य तकनीकी संस्थानों के साथ-साथ नागरिक समाज संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा. यह एक ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण को लागू करेगा, जिससे सभी एजेंसियाँ एक साथ मिलकर आपदा प्रबंधन की क्षमता को बढ़ा सकें.

    नागरिकों से अपील

    अभ्यास के दौरान सड़कों पर वाहनों की बढ़ी हुई संख्या, सायरन की आवाज़ और अन्य गतिविधियाँ देखी जा सकती हैं. ऐसे में नागरिकों से यह अपील की गई है कि वे घबराए नहीं. यह एक नियोजित और पूर्व निर्धारित अभ्यास का हिस्सा है और कोई वास्तविक आपात स्थिति नहीं है. सभी नागरिकों से यह अनुरोध किया गया है कि वे अधिकारियों के साथ सहयोग करें और अभ्यास गतिविधियों में बाधा न डालें.

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