जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को मानवता पर सीधा हमला करार देते हुए दोषियों को कठोर दंड देने का ऐलान किया है. भारत की तीनों सेनाओं को पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश दिया गया है, और नियंत्रण रेखा पर लगातार जवाबी कार्रवाई की जा रही है.
इसी बीच, देशभर में नागरिक सुरक्षा व्यवस्था को परखने और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 7 मई को व्यापक स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है. इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आम नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी देना है. बता दें कि यह मॉक ड्रिल एक एहतियाती कदम है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिक किसी भी आपातकालिन परिस्थिति में घबराए नहीं, बल्कि सटीक प्रतिक्रिया दें.
बिहार के इन जिलों में होगी मॉक ड्रिल
बिहार की राजधानी पटना सहित पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, बेगूसराय और बरौनी जैसे शहरों में इस अभ्यास को लागू किया जाएगा. पटना में विशेष रूप से शाम 6:58 बजे 80 स्थानों पर सायरन बजेगा, जिसके बाद दो मिनट का ब्लैकआउट होगा और फिर शाम 7 बजे से 7:10 तक सभी लाइटें बंद रखने की सलाह दी गई है. इस दौरान फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियाँ अलर्ट पर रहेंगी. प्रशासन की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस दौरान घबराने की कोई जरूरत नहीं है, यह केवल एक पूर्वाभ्यास है ताकि आम लोग यह जान सकें कि हवाई हमले जैसी आपात स्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए.
प्रशासन ने जारी किए दिशा-निर्देश
मॉक ड्रिल को लेकर प्रशासन की ओर से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. बता दें कि सायरन बजते ही सभी वाहन वहीं रुक जाएं जहां वे उस समय मौजूद हों. मोबाइल फ्लैश या टॉर्च का उपयोग न करें. बिजली बंद रहने की स्थिति में वैकल्पिक साधनों (जैसे जनरेटर) का प्रयोग न करें, और यदि आवश्यक हो तो खिड़की पर परदे लगाएं ताकि रोशनी बाहर न जाए.
पटना के एसएसपी अवकाश कुमार ने कहा कि पुलिस पहले से ही अलर्ट मोड में है और इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर प्रमुख जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य सिर्फ जागरूकता है, न कि भय फैलाना.
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