दिल्ली में धूल से मिलेगा छुटकारा, कनॉट प्लेस और खान मार्केट में बिजली के खंभों पर लगेंगे मिस्ट स्प्रेयर

    दिल्ली में बढ़ते धूल प्रदूषण से राहत पाने के लिए सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है. राजधानी के प्रमुख क्षेत्रों, जैसे कनॉट प्लेस और खान मार्केट, में जल्द ही बिजली के खंभों पर मिस्ट स्प्रेयर लगाए जाएंगे.

    Mist sprayers will be installed on electric poles in Connaught Place and Khan Market delhi
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते धूल प्रदूषण से राहत पाने के लिए सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है. राजधानी के प्रमुख क्षेत्रों, जैसे कनॉट प्लेस और खान मार्केट, में जल्द ही बिजली के खंभों पर मिस्ट स्प्रेयर लगाए जाएंगे. इस कदम का उद्देश्य दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करना है और इससे प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी.

    24 प्रमुख स्थानों को किया जाएगा कवर

    सरकार की योजना के मुताबिक, इस परियोजना के तहत 24 प्रमुख सड़कों और अन्य भीड़-भाड़ वाले इलाकों को कवर किया जाएगा. एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, इस पर 19 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी, और इसे तीन चरणों में लागू किया जाएगा. यह पहल दिल्ली के वातावरण को स्वस्थ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

    पहले चरण में 10 प्रमुख सड़कों पर होगा काम

    परियोजना के पहले चरण के तहत, दिल्ली के प्रमुख मार्गों पर मिस्टिंग सिस्टम लगाए जाएंगे. इनमें बाराखंभा रोड, फिरोजशाह रोड, सिकंदरा रोड और भगवान दास रोड जैसी प्रमुख सड़कों को शामिल किया गया है. इस पहल का उद्देश्य हवा में मौजूद धूलकणों को कम करना है और साथ ही प्रदूषण के स्तर को घटाना है. पहले चरण का काम सर्दियों से पहले पूरा करने की योजना है.

    मिस्टिंग सिस्टम का प्रभाव

    मिस्टिंग सिस्टम पानी के महीन फुहारे के माध्यम से धूल को दबाने का काम करता है. इसमें 'नोजल' के जरिए पानी का छिड़काव किया जाता है, जिससे आसपास का तापमान ठंडा होता है और धूलकण हवा से चिपक जाते हैं. इस प्रणाली से न केवल वायु गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि तापमान में भी राहत मिलती है.

    दूसरे चरण में 14 अतिरिक्त सड़कें शामिल

    सरकार ने दूसरे चरण में 14 और प्रमुख सड़कों पर मिस्टिंग सिस्टम लगाने का ऐलान किया है. इनमें शाहजहां रोड, अरबिंदो मार्ग, मदर टेरेसा क्रीसेंट और अशोक रोड जैसी सड़कों को शामिल किया गया है. इस परियोजना को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप लागू किया जा रहा है, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और दिल्लीवासियों को साफ हवा मिल सके.

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