राफेल जैसे एडवांस फाइटर जेट होने के बावजूद फ्रांस अपने पुराने भरोसेमंद मिराज-2000 को नहीं भूला. अब फ्रांस ने इस जेट के अपग्रेडेड वर्जन Mirage 2000D RMV को अपनी वायुसेना और अंतरिक्ष बल में शामिल कर लिया है. आने वाले 10 सालों तक यह विमान राफेल के साथ उड़ान भरेगा और मिशनों में हिस्सा लेगा.
क्या है खास Mirage 2000D RMV में?
Mirage 2000D, मिराज का वो वैरिएंट है जो न्यूक्लियर अटैक में भी सक्षम है. ये हर मौसम में लंबी दूरी तक हमला करने में माहिर है. अब इसके नए RMV वर्जन में उन्नत एवियोनिक्स, बेहतर हथियार क्षमता और आधुनिक कंप्यूटर सिस्टम लगाए गए हैं, जिससे ये पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक बन गया है.
पुरानी ताकत को नई तकनीक से धार
ये अपग्रेड न सिर्फ फ्रांस की रक्षा तकनीक की ताकत दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि पुराने हथियारों को नई तकनीक से और भी असरदार बनाया जा सकता है. Mirage 2000D, एक दो सीटों वाला लड़ाकू विमान है जिसे खासतौर पर ज़मीन पर सटीक हमलों के लिए बनाया गया है.
1990 के दशक से यह जेट फ्रांस के कई अभियानों में काम आ चुका है — अफगानिस्तान, इराक और माली जैसे देशों में इसने अहम रोल निभाया. लेकिन समय के साथ जरूरतें बदल गईं, इसलिए इसे अपग्रेड करना जरूरी हो गया.
क्या-क्या नए बदलाव हुए हैं?
SCALP-EG जैसी घातक मिसाइल से लैस
अपग्रेड के बाद मिराज अब 500 किलोमीटर से ज्यादा रेंज वाली SCALP-EG क्रूज़ मिसाइल भी ले जा सकता है. यानी दुश्मन की सीमा में घुसे बिना ही सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई कर सकता है. साथ ही, अब यह एयर-टू-एयर कॉम्बैट में भी ताकतवर हो गया है.
2035 तक रहेगा सर्विस में
यह नया Mirage 2000D RMV अब राफेल के साथ मिलकर क्लोज एयर सपोर्ट, स्ट्राइक और इंटरडिक्शन मिशन में काम करेगा. 2035 तक यह सेवा में रहेगा, उसके बाद राफेल इसकी पूरी जगह ले लेगा.
फ्रांस के आगे की योजना
फ्रांस अभी राफेल F4 वर्जन का तेजी से उत्पादन कर रहा है, और F5 वर्जन पर भी काम चल रहा है, जिसमें हाइपरसोनिक मिसाइल और एडवांस इंजन होंगे. साथ ही फ्रांस, जर्मनी और स्पेन मिलकर 6वीं पीढ़ी के फाइटर प्रोजेक्ट FCAS पर भी काम कर रहे हैं, जो 2045 तक आएगा.
भारत को क्या सबक मिल सकता है?
भारत के पास भी Mirage 2000H और TH वर्जन हैं, और उसने इन्हें MICA मिसाइल से अपग्रेड किया है. लेकिन फ्रांस के नए वर्जन से भारत को यह सीख मिल सकती है कि कैसे Mirage को और आधुनिक बनाकर राफेल के साथ एक खतरनाक स्क्वाड्रन तैयार किया जा सकता है. इससे भारतीय वायुसेना को फिलहाल जो फाइटर जेट्स की कमी झेलनी पड़ रही है, उसकी भरपाई भी कुछ हद तक हो सकती है.
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