सफर से पहले पता चलेगा किस मेट्रो कोच में सबसे अधिक भीड़? लाई जा रही नई तकनीक

    रोजाना एक जगह से दूसरी जगह सफर करने वालों के लिए मेट्रो किसी वरदान से कम नहीं. इस कारण कई लोग रोजाना चाहे ऑफिस से घर हो या फिर घर से ऑफिस हो या फिर कहीं घूमने जाना हो तो मेट्रो में सफर करना सही समझते हैं.

    Metro new technology to know crowd in which coach
    Image Source: ANI

    रोजाना एक जगह से दूसरी जगह सफर करने वालों के लिए मेट्रो किसी वरदान से कम नहीं. इस कारण कई लोग रोजाना चाहे ऑफिस से घर हो या फिर घर से ऑफिस हो या फिर कहीं घूमने जाना हो तो मेट्रो में सफर करना सही समझते हैं. लेकिन सफर करने से पहले ये कोई नहीं बता सकता कि क्या मेट्रो आपको खाली मिलेगी? क्या मेट्रो में आपको बैठकर सफर करने का मौका मिलेगा.

    कई रिपोर्ट्स सामने आई जिसमें जानकारी दी गई कि रोजाना मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 50 लाख से भी ज्यादा है.  यह आंकड़ा 2024 का है. नवंबर तक अपडेट हुआ तो 78 लाख तक भी पहुंचा. अब क्योंकि इतने लाख लोग रोजाना मेट्रो में सफर कर रहे हैं, तो जाहिर सी बात है कि कभी न कभी आपको सीट मिलना मुश्किल होगी. हालांकि कई बार सीट न भी मिले तो वो चलाया जा सकता है. लेकिन भीड़ उसका क्या हल है? 

    मेट्रो लाने वाली है नई तकनीक 

    अगर आप भी ऐसा ही कोई हल ढूंढ निकालने की सोचते हैं, तो यह जानकारी आपके काफी काम आने वाली है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मेट्रो जल्द ही एक ऐसी तकनीक को तैयार करने जा रहा है जिससे आपको सफर करने से पहले पता लग जाएगा कि मेट्रो के किस कोच में सबसे कम भीड़ है. कहां आपको सीट मिलेगी. जिसके कारण आप अपने सफर को सुहावना बना सकते हैं. 

    इस मेट्रो लाइन में किया जा रहा ट्रायल 

    खुशी वाली बात तो ये भी है कि इसका निर्माण कर लिया गया है. यहां तक की मैजेंटा लाइन पर इसकी टेस्टिंग जारी है. फिलहाल इस प्रोजेक्ट को मैजेंटा लाइन के लिए ही शुरू किया गया है. यानी बाकी लाइन्स पर फिलहाल ये सुविधा उपलब्ध नहीं है. लेकिन घबराइए नहीं. यदि लोगों ने इसे एक अच्छा रिस्पॉन्स दिया तो इसे बाकी मेट्रो लाइन में भी शुरू करने का प्लान किया जा सकता है. इससे  मेट्रो यात्रा न केवल सुविधाजनक बल्कि अधिक व्यवस्थित भी बन सकेगी.

    कैसे काम करेगी ये टेक्नोलॉजी? 

    यह जानकारी तो मिल गई कि इस तरह की सुविधा को लाया जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे इस्तेमाल कैसे करना होगा. दरअसल दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों के अनुसार, PIDS सिस्टम कोच के वजन के आधार पर जानकारी देता है. यह सॉफ्टवेयर प्रत्येक कोच के खाली और भरे वजन की तुलना करके बताता है कि किस कोच में कितने प्रतिशत यात्री हैं. स्क्रीन पर यह नंबर शो होगा. जैसे  C-1 यानी कोच 1 में C-2 इसी तरह हर कोच में कितने प्रतिशत भीड़ है ये आपको दिखाई देगा. जिससे कि आप चढ़ने से पहले भीड़ वाले डिब्बों को भांप लेंगे और सफर को आरामदायक बना लेंगे. 

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