अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में इस सप्ताह वैश्विक कूटनीति का एक अहम दृश्य देखने को मिला. यूरोप के कई बड़े नेताओं ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की, जहां रूस-यूक्रेन युद्ध और संभावित शांति प्रक्रिया पर गहन चर्चा हुई.
इन चर्चाओं के केंद्र में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी भी रहीं, जो अपने एक सरल लेकिन प्रभावशाली अंदाज़ की वजह से खास चर्चा में आ गईं.
‘नमस्ते’ ने खींचा लोगों का ध्यान
वॉशिंगटन में आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक के दौरान जब मेलोनी व्हाइट हाउस परिसर में पहुंचीं, तो अमेरिकी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. ट्रंप प्रशासन की एक वरिष्ठ महिला अधिकारी से हाथ मिलाने के बाद, मेलोनी ने भारतीय शैली में हाथ जोड़कर ‘नमस्ते’ करते हुए उनका अभिवादन किया. यह छोटा सा क्षण कैमरे में कैद हो गया और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. ख़ासतौर पर भारतीय यूजर्स इस अंदाज़ पर खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
It seems Modi's effect has been felt in Georgia Meloni
— Jay Lighty (@JayLighty_) August 18, 2025
Namaste 🙏🏻pic.twitter.com/Vlyi8dxF6j
भारत में फिर छाईं मेलोनी
यह पहला मौका नहीं है जब मेलोनी की भारतीय अंदाज़ में अभिवादन करने की तस्वीरें चर्चा में आई हों. पिछले साल जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत ‘नमस्ते’ कहकर किया था, जो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा था. अब एक बार फिर, मेलोनी के ‘नमस्ते’ वाले वीडियो को शेयर करते हुए कई भारतीय यूजर्स ने लिखा कि “मोदी जी का प्रभाव वैश्विक नेताओं पर भी दिखने लगा है.” उनकी यह शैली उन्हें भारत में एक अलग लोकप्रियता दिला रही है, जहां सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ‘सभ्यता की प्रतीक’ और ‘सादगी से भरी नेता’ कहकर संबोधित कर रहे हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध पर मेलोनी का रुख
डोनाल्ड ट्रंप और अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ बातचीत के बाद जॉर्जिया मेलोनी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि, “यूक्रेन में शांति की बहाली आज की सबसे अहम ज़रूरत है. यह सुनिश्चित करना भी ज़रूरी है कि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोहराई न जाए.” इटली की पीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि शांति सिर्फ युद्ध रोकने से नहीं आएगी, बल्कि उसकी बुनियादी वजहों को समझकर स्थायी समाधान निकालना होगा.
यूक्रेनी राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी ट्रंप के साथ हुई वार्ता को “रचनात्मक और प्रगतिशील” बताया है. उन्होंने भरोसा जताया कि अमेरिका और यूरोप की साझा कूटनीतिक कोशिशें संघर्ष को खत्म करने की दिशा में कारगर साबित होंगी.
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