पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को करीब 13,500 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है. चोकसी की गिरफ्तारी बेल्जियम में हुई है. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई और ईडी की अपील पर बेल्जियम की पुलिस ने उसे एक अस्पताल से गिरफ्तार किया. बताया जा रहा है कि वह इलाज के लिए वहां गया था.
कई सालों से था फरार
चोकसी 2018 में घोटाले का खुलासा होने के बाद भारत से भाग गया था. पहले वह कैरेबियाई देश एंटीगुआ और बारबुडा पहुंचा, जहां की उसने नागरिकता भी ले ली. इसके बाद वह डोमिनिका गया, लेकिन वहां अवैध तरीके से घुसने पर गिरफ्तार हो गया था. इन देशों से भारत का कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं था, इसलिए उसे वापस लाना मुश्किल हो रहा था.
बेल्जियम से प्रत्यर्पण आसान
इस बार चोकसी जिस देश यानी बेल्जियम में है, वहां से उसे भारत लाना काफी आसान माना जा रहा है, क्योंकि भारत और बेल्जियम के बीच 1901 से प्रत्यर्पण संधि है. सीबीआई और ईडी ने तीन महीने पहले ही उसके प्रत्यर्पण की अर्जी दी थी. जैसे ही एजेंसियों को उसकी जानकारी मिली, कानूनी प्रक्रिया तेज कर दी गई.
बेल्जियम में भी फैला रखा था कारोबार
चोकसी की हीरे और आभूषण की कंपनियां कई सालों से बेल्जियम में भी काम कर रही थीं. वहां हीरा उद्योग बहुत बड़ा है और चोकसी ने वहां अपना मजबूत नेटवर्क बना रखा था. बताया जा रहा है कि उसने अपनी पत्नी की मदद से ‘एफ रेजीडेंसी कार्ड’ भी हासिल कर लिया था. हालांकि, जानकारों का कहना है कि चोकसी अभी भी बेल्जियम की अदालत में कानूनी दांव-पेंच अपनाकर जमानत लेने की कोशिश कर सकता है, जिससे उसे भारत लाने में कुछ देरी हो सकती है.
नीरव मोदी की तरह कानूनी लड़ाई संभव
मेहुल चोकसी के भतीजे नीरव मोदी के खिलाफ भी लंदन में प्रत्यर्पण की कार्रवाई चल रही है. अगर चोकसी को भारत लाया गया, तो यह प्रवर्तन एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता होगी और PNB घोटाले की जांच को एक नया मोड़ मिलेगा.अब सबकी नजरें बेल्जियम की अदालत और भारत की कूटनीतिक कोशिशों पर टिकी हैं. क्या मेहुल चोकसी अब भारत आकर कानून का सामना करेगा? इसका जवाब जल्द सामने आएगा.
ये भी पढ़ेंः 'मुसलमान युवाओं को साइकिल का पंचर नहीं बनाना पड़ता', वक्फ बिल पर पीएम मोदी ने कह दी बड़ी बात