तीनों सेना प्रमुखों की बैठक, इलाके में नो-फ्लाई ज़ोन घोषित; जानें ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार क्यों हो रही ऐसी मीटिंग

    Indian Armed Forces seminar: युद्ध केवल हथियारों से नहीं, सोच और तकनीक से भी जीते जाते हैं. इसी सोच के साथ भारत की थल, जल और वायु सेना अब युद्ध की पारंपरिक पद्धतियों से आगे बढ़ते हुए आधुनिक रणनीतियों और नवाचारों की ओर कदम बढ़ा रही हैं.

    Meeting of the three army chiefs no-fly zone declared in the area Know why
    Image Source: ANI/ File

    Indian Armed Forces seminar: युद्ध केवल हथियारों से नहीं, सोच और तकनीक से भी जीते जाते हैं. इसी सोच के साथ भारत की थल, जल और वायु सेना अब युद्ध की पारंपरिक पद्धतियों से आगे बढ़ते हुए आधुनिक रणनीतियों और नवाचारों की ओर कदम बढ़ा रही हैं. इसी दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए ‘रण संवाद 2025’ का आयोजन किया जा रहा है, एक ऐसा राष्ट्रीय मंच जहां देश की सेनाएं भविष्य की जंग के लिए खुद को तैयार करने पर विचार करेंगी.

    यह उच्चस्तरीय सेमिनार 26 और 27 अगस्त को आर्मी वॉर कॉलेज, महू (मध्य प्रदेश) में आयोजित होगा, जहां युद्ध की बदलती परिभाषाओं, उभरती तकनीकों और उनके रणनीतिक प्रभावों पर गहन चर्चा होगी.

    तीनों सेनाओं की साझा रणनीति का मंथन

    ‘रण संवाद 2025’ में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे. यह आयोजन न केवल सैन्य नेतृत्व को एक मंच पर लाएगा, बल्कि रक्षा क्षेत्र के तकनीकी विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को भी जोड़कर एक समग्र रणनीतिक दृष्टिकोण को आकार देगा.

    इस विमर्श में चर्चा के मुख्य विषय होंगे:

    भविष्य की युद्धनीति और तकनीकी बदलाव

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर वॉरफेयर और स्पेस डोमेन में तैयारियां

    सैन्य नवाचार और स्वदेशी रक्षा उद्योग की भूमिका

    27 अगस्त को रक्षा मंत्री का संबोधन

    कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगा 27 अगस्त की शाम जब देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आयोजन में शामिल होंगे. उनके साथ भारत के प्रमुख सैन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे:

    सीडीएस जनरल अनिल चौहान

    थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी

    वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह

    इन सभी की उपस्थिति इस संवाद को और अधिक नीतिगत महत्व और रणनीतिक गहराई प्रदान करेगी.

     नो-फ्लाई ज़ोन घोषित

    इस महत्वपूर्ण आयोजन को ध्यान में रखते हुए 26 से 28 अगस्त तक महू और आसपास के क्षेत्रों को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किया गया है. ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा, ताकि कार्यक्रम की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित की जा सके.

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