Meerut News: मेरठ के IIMT यूनिवर्सिटी में तीन दिन तक चलने वाला अखिल भारतीय किसान मेला जोर-शोर से जारी है. मेले के दूसरे दिन एक खास पशु ने सभी की निगाहें अपनी ओर खींच ली. हरियाणा के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किसान नरेंद्र सिंह का 8 करोड़ रुपये मूल्य का मुर्रा नस्ल का भैंसा ‘विधायक’ पूरे मेले में चर्चा का विषय बना हुआ है. अपनी ताकत, खूबसूरती और कीमत की वजह से ‘विधायक’ ने किसान समुदाय के साथ-साथ आम जनता का भी ध्यान अपनी ओर खींचा है.
‘विधायक’ नाम का भैंसा
हरियाणा के किसान नरेंद्र सिंह ने इस मुर्रा भैंसे का नाम ‘विधायक’ रखा है, जो विशाल कद-काठी और दमदार कद के कारण आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मेले में यह भैंसा इतना लोकप्रिय है कि उसकी तस्वीरें खींचने और सेल्फी लेने वालों की लंबी कतार लगी हुई है. ‘विधायक’ की कीमत लगभग आठ करोड़ रुपये बताई जा रही है और इसके मालिक नरेंद्र सिंह को पशुपालन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका ‘विधायक’
पद्मश्री नरेंद्र सिंह के अनुसार, मुर्रा नस्ल का यह भैंसा ‘विधायक’ देश भर में कई प्रतियोगिताओं में विजेता रहा है. इसकी ताकत और खासियत की वजह से यह भैंसा किसानों और पशुपालन विशेषज्ञों के बीच बहुत मशहूर है. इसकी खासियत है कि इसके सीमन की बिक्री से सालाना 50 से 60 लाख रुपये की आमदनी होती है. अब तक इसके सीमन की बिक्री लगभग 8 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है.
कृषि एवं पशुपालन में नई तकनीकों की जानकारी
मेले में सिर्फ पशु प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र से जुड़ी आधुनिक तकनीकों की भी जानकारी दी जा रही है. मेले के दौरान गौ, बैल और भैंसों की सुंदरता प्रतियोगिता भी आयोजित की गई. हरियाणा के रागिनी गायक और ढोल की थाप ने मेले में एक जीवंत और उत्साहपूर्ण माहौल बनाया. मोदीपुरम के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डॉ. पीके सिंह, IIMT के डीन डॉ. राजबीर सिंह सहित अन्य शिक्षक और छात्र भी इस आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल रहे.
किसानों के लिए उपयोगी तकनीकी जानकारी का सुमधुर संगम
डीन डॉ. राजबीर सिंह ने बताया कि इस मेला का आयोजन इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के वित्तीय सहयोग से किया गया है. किसानों को खेती-बाड़ी और पशुपालन के क्षेत्र में नई-नई उन्नत तकनीकों से अवगत कराने का यह एक बेहतरीन मंच साबित हो रहा है. इससे किसानों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी और वे आधुनिक तरीकों से अपने व्यवसाय को और सफल बना सकेंगे.
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