जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए शहीद संतोष यादव की पार्थिव देह गुरुवार सुबह उनके पैतृक गांव इस्माइलपुर पहुंची. सुबह लगभग 8 बजे जब सेना की फूलों से सजी गाड़ी गांव में दाखिल हुई, तो पूरा इलाका “भारत माता की जय” और “संतोष यादव अमर रहें” के नारों से गूंज उठा.
गांव की मिट्टी में अंतिम विश्राम, सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
शहीद का अंतिम संस्कार गांव से एक किलोमीटर दूर स्थित खेत में राजकीय सम्मान के साथ किया गया. शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े. सेना के जवानों ने तिरंगे में लिपटी उनकी देह को कंधा दिया और पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी.
रास्ते में उमड़ा जनसैलाब, तिरंगे और गीतों से भरा माहौल
भागलपुर से नवगछिया तक रास्ते भर लोग सड़क के किनारे तिरंगा लिए खड़े थे. देशभक्ति गीतों की गूंज और सैनिक सम्मान के दृश्य ने माहौल को भावुक बना दिया. गाड़ी के पीछे पीछे लोग नारे लगाते और आंखों में आंसू लिए चल रहे थे. कुछ युवा तो जोश में गाड़ी की छत पर चढ़कर तिरंगा लहराते नजर आए. पूरा इलाका एक स्वर में बोल रहा था - "वंदे मातरम्".
भाई ने बताया शहीद की आखिरी ख्वाहिश
शहीद के छोटे भाई अभिनव कुमार ने बताया कि संतोष यादव महज 4 साल बाद सेना से रिटायर होने वाले थे. लेकिन उनका सपना था कि उनका बड़ा बेटा भी देश की सेवा में लगे. उन्होंने कहा, “भाई ने देश के लिए जान दी है, अब हम भी उसी राह पर चलेंगे. पटना एयरपोर्ट पर दी गई सलामी और श्रद्धांजलि बुधवार रात शहीद का पार्थिव शरीर जब पटना एयरपोर्ट पहुंचा, तो वहां भी श्रद्धांजलि का माहौल देखा गया. डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने शहीद को कंधे से कंधा मिलाकर नमन किया. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी शहीद को सलामी दी. एयरपोर्ट पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके बाद शहीद की देह को सड़क मार्ग से भागलपुर रवाना किया गया.
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