दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के नाम पर हुए कथित भ्रष्टाचार ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने वाली एजेंसी एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह केस स्कूलों में क्लासरूम निर्माण से जुड़ी एक बड़ी वित्तीय अनियमितता के आरोपों पर आधारित है.
पांच गुना लागत पर बनाए गए क्लासरूम, एसीबी की रिपोर्ट में खुलासा
ACB की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि क्लासरूम निर्माण कार्य में भारी अनियमितताएं बरती गईं. रिपोर्ट के अनुसार, जहां आमतौर पर दिल्ली में एक क्लासरूम बनाने की औसत लागत करीब 5 लाख रुपये होती है, वहीं इस परियोजना में एक क्लासरूम पर लगभग 24.86 लाख रुपये खर्च किए गए. कुल मिलाकर यह खर्च 2,000 करोड़ रुपये से भी अधिक बताया जा रहा है.
इस मामले में जब ये घोटाले सामने आए, उस वक्त मनीष सिसोदिया दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री थे, जबकि सत्येंद्र जैन लोक निर्माण विभाग (PWD) के प्रभारी थे. इसी विभाग के तहत स्कूलों में क्लासरूम बनाने का कार्य किया गया था.
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुआ मामला
ACB ने यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-A के तहत दर्ज किया है. इस धारा के अनुसार, किसी भी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई शुरू करने से पहले सरकार की अनुमति आवश्यक होती है. यानी इस जांच में अब कानूनी प्रक्रिया भी अहम भूमिका निभाएगी.
बीजेपी नेताओं ने उठाई थी आवाज
भाजपा नेताओं ने इस मामले में प्रमुखता से आवाज उठाई थी. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना, नेता कपिल मिश्रा और नीलकांत बख्शी ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने 12,748 क्लासरूम निर्माण के लिए 2,892 करोड़ रुपये खर्च किए, जो कि निर्धारित लागत से कई गुना अधिक है. शिकायत में यह भी कहा गया कि ठेके AAP से जुड़े ठेकेदारों को दिए गए.
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