दुनिया में बज रहा मेड-इन-इंडिया कारों का डंका, एक्सपोर्ट में रिकॉर्ड तोड़ उछाल, वजह जान रह जाएंगे हैरान

    भारत में निर्मित कारों की मांग अब केवल देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में बढ़ती जा रही है. यह बदलाव भारतीय ऑटो उद्योग के लिए एक नई दिशा दिखाता है, क्योंकि भारतीय कारों का एक्सपोर्ट लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहा है.

    Made-in-India cars see growing global demand with exports set to break new records
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    नई दिल्ली: भारत में निर्मित कारों की मांग अब केवल देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में बढ़ती जा रही है. यह बदलाव भारतीय ऑटो उद्योग के लिए एक नई दिशा दिखाता है, क्योंकि भारतीय कारों का एक्सपोर्ट लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहा है. चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में ही भारत ने कार निर्यात में नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जो भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए एक बहुत बड़ी सफलता है. इस बढ़ती हुई मांग और सफलता के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिनका असर आने वाले समय में भारतीय उद्योग पर दिखाई देगा.

    FY2026 में भारत ने मारा नया रिकॉर्ड

    भारत से किए गए कार निर्यात के आंकड़ों में इस बार भारी बढ़ोतरी देखी गई है. भारतीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ने FY2026 के पहले आठ महीनों में करीब 5,99,276 पैसेंजर व्हीकल्स विदेश भेजे हैं. यह आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले लगभग 20% ज्यादा है. FY2025 में यह संख्या 4,98,763 थी, जो कि अब 1 लाख यूनिट्स से ज्यादा बढ़ी है. यह बढ़ोतरी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारतीय कारों की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लगातार बढ़ रही है.

    ऑटो सेक्टर ने बनाया नया माइलस्टोन

    भारत में कार एक्सपोर्ट के आंकड़े इस समय रिकॉर्ड के पास पहुंचने के साथ ही भविष्य में और भी बेहतर होने की संभावना जताई जा रही है. FY2025 में कुल 7,70,364 पैसेंजर व्हीकल्स का निर्यात हुआ था. इस बार, पिछले कुछ महीनों में लगातार 80,000 से ज्यादा कारों का निर्यात किया गया है, जो भारतीय कार उद्योग की मजबूती को दर्शाता है. खासकर सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के महीने में इस निर्यात की रफ्तार तेज रही, जिससे इस वित्त वर्ष में नए रिकॉर्ड की उम्मीदें जगी हैं.

    मेक्सिको के नए टैरिफ ने बढ़ाई चिंता

    हालांकि, इस शानदार सफलता के बीच एक चुनौती भी सामने आई है. मेक्सिको ने 1 जनवरी 2026 से भारत में बनी कारों पर इंपोर्ट ड्यूटी को 20% से बढ़ाकर 50% करने का ऐलान किया है. मेक्सिको, भारत के लिए एक बड़ा एक्सपोर्ट बाजार है और इस बदलाव से भारतीय कारों के निर्यात पर असर पड़ सकता है. FY2024 में भारत ने मेक्सिको को 1.94 लाख कारें और SUV भेजी थीं, जो कुल निर्यात का महत्वपूर्ण हिस्सा थीं.

    किस-किस कंपनी की कारें जाती हैं मेक्सिको?

    भारत के प्रमुख कार निर्माता जैसे मारुति सुजुकी, हुंडई, फॉक्सवैगन और निसान इंडिया की कारें मेक्सिको में अच्छी संख्या में बेची जाती हैं. मारुति सुजुकी बलेनो, स्विफ्ट, डिजायर और ब्रेजा जैसी कारों का निर्यात करती है, जबकि हुंडई ग्रैंड i10, ऑरा, वेन्यू और क्रेटा जैसी कारों को मेक्सिको भेजती है. इसके अलावा, फॉक्सवैगन ग्रुप और निसान की गाड़ियां भी इस बाजार में अच्छी खासी मौजूदगी रखती हैं.

    भारत के लिए इस रिकॉर्ड का क्या है मतलब?

    इस रिकॉर्ड के साथ, भारत अब सिर्फ एक बड़ा बाजार ही नहीं, बल्कि एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग हब भी बन चुका है. मेड-इन-इंडिया कारों की बढ़ती हुई मांग यह साबित करती है कि देश में बने वाहन अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपना स्थान बना रहे हैं. हालांकि, मेक्सिको जैसे देशों में टैरिफ बढ़ने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन अगर इन समस्याओं से सही तरीके से निपटा गया तो भारत कार निर्यात में और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकता है और नया इतिहास रच सकता है.

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