LR-LACM Missile: भारत ने हाल ही में ग्रीस को अपनी अत्याधुनिक लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LR-LACM) की पेशकश की है, जो अब तुर्की के लिए एक चिंता का विषय बन चुकी है. यह मिसाइल अपनी लंबी रेंज, उच्च सटीकता और रडार से बचने की क्षमता के लिए जानी जाती है, जो ग्रीस के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. खासकर तब, जब तुर्की ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था, और भारत इस कदम को तुर्की के खिलाफ एक जवाबी कार्रवाई के रूप में देख रहा है.
LR-LACM: भारत की नई मिसाइल ताकत
लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LR-LACM), भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई एक सबसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसे खासकर हाई-वैल्यू टारगेट्स जैसे एयरबेस, रडार स्टेशनों और कमांड सेंटर्स को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसका पहला परीक्षण 12 नवंबर 2024 को ओडिशा के चांदीपुर में किया गया था, और यह परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा था.
मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं
रेंज: LR-LACM को जमीन से लॉन्च करने पर इसकी रेंज 1500 किलोमीटर तक होती है, जबकि नौसेना के जहाजों से लॉन्च करने पर इसकी रेंज 1000 किलोमीटर तक होती है. यह रेंज तुर्की के अधिकतर हिस्से को कवर करती है, जिससे ग्रीस के लिए यह एक रणनीतिक संपत्ति बन जाती है.
गति: यह मिसाइल 864 से 1111 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलती है.
वॉरहेड: LR-LACM पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के वॉरहेड ले जाने की क्षमता रखती है, जिससे यह अत्यधिक खतरनाक बनती है.
टेरेन-हगिंग (Terrain-Hugging): यह मिसाइल जमीन के बेहद करीब उड़ान भरती है, जिससे दुश्मन के रडार को इसे पकड़ने में कठिनाई होती है. अमेरिका की टॉमहॉक और रूस की कैलिबर मिसाइलों की तरह, यह रडार से बचने में माहिर है.
सटीकता और गतिशीलता: यह मिसाइल अत्यधिक सटीकता के साथ अपने लक्ष्यों को भेद सकती है और युद्ध के दौरान जटिल युद्धाभ्यास करने में सक्षम है. इससे तुर्की की S-400 जैसी रक्षा प्रणालियों को चकमा देना आसान हो जाता है.
लॉन्च प्लेटफॉर्म: LR-LACM को मोबाइल लॉन्चर और यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल (UVLM) से लॉन्च किया जा सकता है, जो भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात है. इसका मतलब यह है कि इसे जमीन, समुद्र और हवा से भी लॉन्च किया जा सकता है.
इंजन: इसमें स्वदेशी मनिक स्मॉल टर्बोफैन इंजन (STFE) का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे लंबी दूरी तक उड़ान भरने की क्षमता देता है.
भारत और ग्रीस के बीच बढ़ता रक्षा सहयोग
भारत और ग्रीस के बीच रक्षा संबंध हाल के वर्षों में काफी मजबूत हुए हैं. 13-15 मई 2025 को एथेंस में आयोजित DEFEA 2025 रक्षा प्रदर्शनी में भारत ने LR-LACM को प्रदर्शित किया, जो ग्रीस का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा. ग्रीक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने ग्रीस को इस मिसाइल की अनौपचारिक पेशकश की है.
हाल ही में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ग्रीस का दौरा किया था, जहां दोनों देशों ने अपने रक्षा सहयोग को लेकर विस्तृत चर्चा की थी. ग्रीक मीडिया के अनुसार, इस दौरान LR-LACM मिसाइल के संभावित सौदे पर भी बात हुई.
तुर्की के लिए खतरा
ग्रीस के लिए LR-LACM एक ताकतवर रक्षा उपकरण साबित हो सकता है, खासकर जब यह तुर्की के खिलाफ इस्तेमाल हो. तुर्की ने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को समर्थन दिया था, और भारत इस कदम को तुर्की के खिलाफ एक कड़ा संदेश मान रहा है. तुर्की ने इस सौदे पर अपनी आपत्ति जताई है. तुर्की के मीडिया आउटलेट TRHaber ने इसे "एजियन में 1000 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइल" के रूप में प्रचारित किया और इसे तुर्की के खिलाफ खतरे के रूप में देखा. LR-LACM की टेरेन-हगिंग क्षमता और मार्ग बदलने की क्षमता के कारण, यह मिसाइल तुर्की की S-400 जैसी उन्नत हवाई रक्षा प्रणालियों को भी चकमा देने में सक्षम हो सकती है. यदि ग्रीस यह मिसाइल तैनात करता है, तो तुर्की के हवाई अड्डों, रडार सिस्टम और सैन्य ठिकानों को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है, जो तुर्की की सुरक्षा को कमजोर कर सकता है.
क्यों है यह सौदा महत्वपूर्ण?
भारत की रक्षा शक्ति: यह सौदा भारत के रक्षा उद्योग की क्षमता को दर्शाता है. LR-LACM को मेक इन इंडिया पहल के तहत विकसित किया गया है और इसके निर्यात से भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में और मजबूती मिल सकती है.
एजियन सागर में शक्ति संतुलन: अगर ग्रीस यह मिसाइल तैनात करता है, तो एजियन सागर में शक्ति संतुलन बदल सकता है और तुर्की के खिलाफ ग्रीस को एक रणनीतिक बढ़त मिल सकती है.
भारत-तुर्की रिश्ते: तुर्की का पाकिस्तान के साथ गठजोड़ भारत के लिए हमेशा चिंता का विषय रहा है. LR-LACM के सौदे के जरिए भारत, तुर्की को एक कड़ा संदेश देना चाहता है.
क्या यह सौदा पक्का है?
फिलहाल, यह पेशकश अनौपचारिक है और इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. ग्रीक मीडिया द्वारा की जा रही अटकलों और तुर्की की प्रतिक्रियाओं के आधार पर यह मुद्दा चर्चा में है. अगर ग्रीस इस सौदे में रुचि दिखाता है, तो यह भारत और ग्रीस के बीच रक्षा संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है.
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