लॉकडाउन फिर लगेगा! हांगकांग से सिंगापुर तक पहुंच गया कोरोना वायरस, भारत से बस इतनी दूर; दोबारा मचेगी तबाही?

    दुनिया को हिला देने वाला कोरोना वायरस एक बार फिर चर्चा में है. इस बार इसकी आहट दक्षिण पूर्व एशिया से सुनाई दे रही है.

    Lockdown Coronavirus reached Singapore from Hong Kong India
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    नई दिल्लीः लगभग पांच साल पहले पूरी दुनिया को हिला देने वाला कोरोना वायरस एक बार फिर चर्चा में है. इस बार इसकी आहट दक्षिण पूर्व एशिया से सुनाई दे रही है. सिंगापुर, हांगकांग और बैंकॉक जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोविड-19 के मामलों में अचानक उछाल आया है, जिसने एक बार फिर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. हालांकि, भारत में अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि लापरवाही नहीं की जानी चाहिए.

    सिंगापुर में मामले तेज़ी से बढ़े

    सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मई के शुरुआती हफ्तों में ही 14,200 से अधिक कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं. यह संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग 28 प्रतिशत अधिक है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि संक्रमण किस गति से फैल रहा है. इस वृद्धि के पीछे LF.7 और NB.1 नामक वेरिएंट्स को जिम्मेदार बताया जा रहा है, जो JN.1 स्ट्रेन से जुड़े हुए हैं.

    इन वेरिएंट्स के लक्षण पारंपरिक सर्दी-जुकाम जैसे हैं – जैसे बहती नाक, गले में खराश और हल्का बुखार. विशेषज्ञों के अनुसार, ये वेरिएंट तेजी से फैल सकते हैं, हालांकि, इनकी गंभीरता अब तक पुराने वेरिएंट्स जितनी खतरनाक नहीं मानी जा रही है.

    अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ी

    सिंगापुर सरकार ने भी माना है कि पिछले कुछ दिनों में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. जहां पहले यह संख्या 102 थी, अब यह 133 तक पहुंच गई है. हालांकि गंभीर मामलों की संख्या में अभी कोई विस्फोटक वृद्धि नहीं देखी गई है, लेकिन सिस्टम पर दबाव बढ़ने लगा है.

    थाईलैंड और चीन भी प्रभावित

    सिंगापुर के अलावा थाईलैंड और चीन में भी कोविड मामलों में वृद्धि देखी गई है. थाईलैंड में अप्रैल में हुए पारंपरिक सोंगक्रान फेस्टिवल के बाद केसों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं, चीन में कोविड के केस पिछले साल की गर्मियों के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच चुके हैं.

    भारत में स्थिति शांत, लेकिन सतर्कता जरूरी

    जहां एशिया के कई देशों में कोविड की नई लहर का असर देखने को मिल रहा है, वहीं भारत में फिलहाल राहत की स्थिति है. स्वास्थ्य मंत्रालय के COVID-19 डैशबोर्ड के अनुसार, देश में फिलहाल सिर्फ 93 सक्रिय मामले हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय आत्मसंतुष्टि का नहीं, बल्कि सतर्क रहने का है.

    डॉक्टरों का मानना है कि नए वेरिएंट्स भारत में भी दस्तक दे सकते हैं, लेकिन अगर लोग सावधानी बरतें तो स्थिति को काबू में रखा जा सकता है. विशेष रूप से बुजुर्गों और छोटे बच्चों को लेकर ज्यादा एहतियात बरतने की सलाह दी गई है.

    क्यों जरूरी है सतर्कता?

    कोरोना का इतिहास हमें यही सिखाता है कि यह वायरस कब, कहां और किस रूप में सामने आएगा, कहना मुश्किल है. वेरिएंट्स के बदलते स्वरूप और उनकी तेजी से फैलने की क्षमता के चलते लापरवाही गंभीर परिणाम दे सकती है. विशेषज्ञों की मानें तो मास्क पहनना, हाथों की सफाई और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचाव जैसे सामान्य उपाय अब भी बहुत कारगर हैं.

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