लखनऊ के इस मंदिर के तालाब में डाला जहर, 4 क्विंटल मछलियां मरी, कुत्ते ने खाया तो वो भी मरा

    बुद्धेश्वर महादेव मंदिर के परिसर में स्थित तालाब में मरी हुई मछलियों का मिलना किसी भयंकर हादसे से कम नहीं था. इस तालाब में बुधवार को 4 क्विंटल से ज्यादा मछलियाँ मृत पाई गईं. जब स्थानीय लोगों ने इन मछलियों को तैरते देखा तो उनकी हड़कंप मच गई.

    large number of fishes died in budheshwar mahadev mandir talab in lucknow
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    Lucknow News: लखनऊ का प्रसिद्ध श्री बुद्धेश्वर महादेव मंदिर, जो अपने ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक आस्थाओं के लिए जाना जाता है, इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है. सावन का महीना शुरू होने से पहले, इस मंदिर के तालाब में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां के तालाब में हजारों मछलियाँ मृत पाई गईं, जो भक्तों और स्थानीय निवासियों के लिए रहस्य बनी हुई हैं. आइए जानते हैं इस रहस्यमयी घटना के बारे में.

    मछलियों की रहस्यमयी मौत

    बुद्धेश्वर महादेव मंदिर के परिसर में स्थित तालाब में मरी हुई मछलियों का मिलना किसी भयंकर हादसे से कम नहीं था. इस तालाब में बुधवार को 4 क्विंटल से ज्यादा मछलियाँ मृत पाई गईं. जब स्थानीय लोगों ने इन मछलियों को तैरते देखा तो उनकी हड़कंप मच गई. लोगों ने तुरंत मत्स्य विभाग को इसकी सूचना दी, और रातभर उन्होंने अपनी तरफ से मछलियों को तालाब से बाहर निकालकर किनारे रख दिया.

    कुत्ते की भी मौत, मछली खाने से फैली दहशत

    मरी हुई मछलियों का एक और दिलचस्प और दुर्भाग्यपूर्ण पहलू सामने आया. स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह के समय एक कुत्ता मरी हुई मछली को खा गया, जिसके बाद उसकी भी मौत हो गई. इस घटना ने इलाके में और भी ज्यादा दहशत फैला दी. हालांकि, इस मौत के कारण को लेकर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है, जिससे लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं.

    क्या है मछलियों के मौत की वजह?

    अभी तक इस घटना के कारण की जांच नहीं हो पाई है. क्या मछलियों की मौत जहर के कारण हुई या फिर पानी में ऑक्सीजन की कमी से? फिलहाल मत्स्य विभाग के अधिकारी इस मामले की जांच में जुटे हैं. स्थानीय लोग और मंदिर के पुजारी भी इस घटना को लेकर हैरान हैं, क्योंकि ऐसे मामले पहले कभी देखने को नहीं मिले थे.

    क्यों प्रसिद्ध है बुद्धेश्वर महादेव मंदिर?

    बुद्धेश्वर महादेव मंदिर लखनऊ के मोहन रोड पर स्थित है और यह शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल है. इस मंदिर के बारे में एक प्रचलित मान्यता है कि लक्ष्मण ने इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की थी. यही नहीं, इस मंदिर में बुधवार को विशेष पूजा और आरती होती है, क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने लक्ष्मण को दर्शन दिए थे.

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