लालू यादव के घर की होगी कुर्की, कोर्ट ने जारी किया आदेश, जानिए क्या है पूरा मामला?

    लालू प्रसाद यादव एक बार फिर अदालत के कठघरे में हैं. सिवान के एसीजेएम-1, एमपी-एमएलए कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ कुर्की जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया है. यह आदेश 2011 में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े एक मामले में दिया गया है, जिसमें अब तक उनकी लगातार अनुपस्थिति अदालत की गंभीरता का कारण बन गई है.

    Lalu Prasad Yadav model code of conduct violation siwan court order
    File Image Source ANI

    राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार की राजनीति के दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव एक बार फिर अदालत के कठघरे में हैं. सिवान के एसीजेएम-1, एमपी-एमएलए कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ कुर्की जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया है. यह आदेश 2011 में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े एक मामले में दिया गया है, जिसमें अब तक उनकी लगातार अनुपस्थिति अदालत की गंभीरता का कारण बन गई है.

    इस मामले में पहले समन जारी हुआ, फिर गिरफ्तारी वारंट, और अब इश्तेहार चस्पा करने के निर्देश दिए गए हैं. अगर लालू यादव 30 मई को अगली सुनवाई तक हाजिर नहीं होते हैं, तो कुर्की की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

    क्या है पूरा मामला?

    मामला वर्ष 2011 का है जब लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर सक्रिय थे. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने सिवान के दरौंदा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित किया था. इस सभा में उन्होंने पार्टी प्रत्याशी परमेश्वर सिंह के समर्थन में भाषण दिया.

    उस समय दरौंदा में धारा 144 लागू थी और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध था. इसके बावजूद लालू यादव ने न सिर्फ जनसभा की, बल्कि लाउडस्पीकर का भी उपयोग किया. इसे चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया.

    अब क्यों बढ़ी मुश्किलें?

    पिछले कई वर्षों से इस मामले में लालू यादव अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं. हाल ही में एम्स दिल्ली में इलाज कराने के बाद वे अपनी बेटी मीसा भारती के आवास पर रह रहे हैं. लेकिन अदालत की लगातार नोटिसों के बावजूद उनकी अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने अब कुर्की की चेतावनी दे दी है. इश्तेहार अब लालू यादव के गृह जिला गोपालगंज के फुलवरिया गांव में चस्पा किया जाएगा, ताकि उन्हें औपचारिक रूप से अदालत में पेश होने के लिए बाध्य किया जा सके.

    क्या कहती है राजनीतिक पृष्ठभूमि?

    लालू प्रसाद यादव का राजनीतिक जीवन विवादों और कानूनी मामलों से अनजान नहीं है. चारा घोटाला हो या जेल यात्रा—उन्होंने हमेशा खुद को "राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार" बताया है. लेकिन यह मामला अपेक्षाकृत छोटा होते हुए भी, उनके खिलाफ चल रहे अन्य मामलों के बीच उनकी कानूनी चुनौतियों की एक और परत जोड़ता है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे समय में जब बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्म हो रही है और लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है, इस तरह की कानूनी कार्रवाइयां राजद की छवि और रणनीति दोनों पर असर डाल सकती हैं.

    30 मई को होगी अगली सुनवाई 

    अब सभी की नजरें 30 मई को निर्धारित अगली सुनवाई पर टिकी हैं. अगर लालू यादव अदालत में पेश नहीं होते हैं, तो प्रशासन उनके खिलाफ कुर्की जब्ती की प्रक्रिया शुरू कर सकता है.

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