Kota News: दिल्ली के बाद कोटा, जिसे कोचिंग सिटी के नाम से जाना जाता है, एक बार फिर चर्चा में है. इस बार चर्चा का विषय है उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने कोचिंग सेंटर्स को लेकर तीखा रुख अपनाया. उनका कहना था कि ये सेंटर्स अब 'पोचिंग सेंटर्स' बन चुके हैं, जो बच्चों की सोच और विकास में रुकावट डाल रहे हैं. आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से.
कोचिंग सेंटर्स पर कड़ी आलोचना
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोचिंग सेंटर्स बच्चों के मानसिक विकास में गंभीर रुकावट डाल रहे हैं. उन्होंने इसे एक खतरनाक कल्चर बताया, जो बच्चों को केवल एक ही ढर्रे में ढालने का काम कर रहा है. उनका मानना था कि यह प्रक्रिया छात्रों की सोचने की स्वतंत्रता को खत्म कर देती है और विभिन्न मनोवैज्ञानिक समस्याओं को जन्म देती है. उन्हें यह भी लगता है कि कोचिंग सेंटर्स की बढ़ती संख्या ने शिक्षा के क्षेत्र को भी संकट में डाल दिया है. छात्रों को एक फैक्ट्री के उत्पाद की तरह देखा जा रहा है, जहां शिक्षा केवल नंबर और परिणामों तक सीमित हो कर रह गई है. उन्होंने इस असेंबली-लाइन संस्कृति को खत्म करने का आग्रह किया.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ काम कर रहे कोचिंग सेंटर्स
उपराष्ट्रपति ने कोचिंग सेंटर्स को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ बताया. उनका कहना था कि इन सेंटर्स में जो तरीके अपनाए जाते हैं, वे शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य से भटक कर केवल रिजल्ट की ओर ध्यान केंद्रित करते हैं. यही कारण है कि कोचिंग सेंटर्स द्वारा अपनाए जा रहे तरीकों ने बच्चों की सोच और विकास को प्रभावित किया है. उन्होंने कोचिंग सेंटर्स द्वारा विज्ञापनों पर खर्च किए जा रहे पैसों की भी आलोचना की. उनका कहना था कि ये पैसे उन छात्रों से लिए जा रहे हैं जो या तो कर्ज लेकर या फिर बड़ी कठिनाई से अपनी पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं. ऐसे विज्ञापनों पर खर्च किया जाना, उनके अनुसार, धन का गलत उपयोग है.
छात्रों को अपनी सोच और ज्ञान से पहचाना जाना चाहिए
उपराष्ट्रपति ने समारोह में छात्रों को एक अहम संदेश दिया. उन्होंने कहा, “आपकी मार्कशीट और अंक आपको परिभाषित नहीं करेंगे. प्रतिस्पर्धी दुनिया में आपका ज्ञान और सोचने की क्षमता ही आपको परिभाषित करेगी.” यह उनके द्वारा दिया गया प्रेरणादायक संदेश था, जिसमें उन्होंने छात्रों को अपने अंदर छिपी सोच और ज्ञान को महत्व देने की बात कही.
दीक्षांत समारोह में सम्मानित छात्र
चौथे दीक्षांत समारोह में कुल 189 डिग्रियां प्रदान की गईं. इनमें से 123 बीटेक डिग्री कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग (सीएसई) में, 62 बीटेक डिग्री इलेक्ट्रोनिक्स और कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई) में और 4 एम टेक डिग्रियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा इंजीनियरिंग में दी गईं. समारोह में शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए अंकुर अग्रवाल (सीएसई) और ध्रुव गुप्ता (ईसीई) को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया.
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