क्या वाकई सेंधा नमक सेहत के लिए बेहतर है? जानिए सफेद और गुलाबी नमक में असली फर्क

    Rock Salt Vs White Salt: आजकल लोगों की ज़िंदगी में काम का प्रेशर, नींद की कमी और अनहेल्दी खानपान ने स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों को जन्म दिया है. डायबिटीज, हाई बीपी, मोटापा, ये अब सिर्फ उम्रदराज़ लोगों की बीमारी नहीं रही.

    Know the real difference between white and pink salt health and lifestyle
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    Rock Salt Vs White Salt: आजकल लोगों की ज़िंदगी में काम का प्रेशर, नींद की कमी और अनहेल्दी खानपान ने स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों को जन्म दिया है. डायबिटीज, हाई बीपी, मोटापा, ये अब सिर्फ उम्रदराज़ लोगों की बीमारी नहीं रही. ऐसे में लोग धीरे-धीरे अपने खानपान में बदलाव कर रहे हैं और हेल्दी विकल्पों की तलाश कर रहे हैं.

    इन्हीं बदलावों में एक बड़ा नाम है, नमक का विकल्प. जहां पहले हर घर में सिर्फ सफेद नमक इस्तेमाल होता था, अब लोग तेजी से सेंधा नमक (या पिंक सॉल्ट) की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या ये बदलाव वाकई सेहत के लिए सही है? और क्या सेंधा नमक, सफेद नमक से बेहतर है? आइए, बिना किसी भ्रम के जानें पूरा सच.

    क्यों बढ़ रहा है सेंधा नमक का चलन?

    आजकल हेल्थ इंफ्लुएंसर्स, डाइटिशियन और सोशल मीडिया पर सेंधा नमक को सुपरहेल्दी बताया जा रहा है. इसे “डिटॉक्सिफाइंग”, “लो-सोडियम” और “नेचुरल मिनरल्स से भरपूर” कहा जाता है. इसी वजह से लोग अपनी डेली डाइट में सेंधा नमक को जगह देने लगे हैं, चाहे वो सलाद हो, दाल हो या फिर व्रत का खाना. इसे हेल्थ का नया मंत्र माना जा रहा है.

    सफेद और सेंधा नमक में क्या है अंतर?

    सफेद नमक समुद्री पानी से तैयार होता है और इसमें आयोडीन मिलाया जाता है. इसे रिफाइन किया जाता है ताकि इसका रंग चमकदार सफेद हो और इसका स्वाद तेज़ हो. वहीं सेंधा नमक धरती के नीचे की खदानों से निकाला जाता है और इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन जैसे मिनरल्स मौजूद होते हैं. इसका रंग गुलाबी या हल्का बैंगनी होता है, और ये कम प्रोसेस किया जाता है.

    सेहत पर क्या असर डालते हैं ये दोनों नमक?

    सफेद नमक में सोडियम की मात्रा अधिक होती है. अधिक सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, वाटर रिटेंशन और किडनी की समस्याएं हो सकती हैं. सेंधा नमक में सोडियम थोड़ा कम होता है और कुछ जरूरी मिनरल्स मौजूद रहते हैं, लेकिन इसकी मात्रा ज़रूरत से ज्यादा हो तो इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस भी बिगड़ सकता है. कई बार लोग सिर्फ ट्रेंड के कारण सेंधा नमक को ज़रूरत से ज्यादा मात्रा में लेने लगते हैं, जो किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं है.

    क्या सिर्फ सेंधा नमक खाना सही है?

    नहीं. हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि किसी भी एक तरह के नमक को जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करना ठीक नहीं. सफेद नमक में जहां आयोडीन जैसे तत्व होते हैं जो थायरॉयड हेल्थ के लिए जरूरी हैं, वहीं सेंधा नमक में मिनरल्स होते हैं, लेकिन आयोडीन की कमी हो सकती है. ऐसे में अगर आप सफेद नमक को पूरी तरह छोड़ते हैं, तो हो सकता है कि शरीर को आयोडीन न मिले और उससे दूसरी दिक्कतें शुरू हो जाएं.

    हेल्दी रहने के लिए क्या करें?

    रोज़ाना नमक का सेवन सीमित रखें, चाहे वो कोई भी हो. प्रोसेस्ड फूड और पैकेज्ड स्नैक्स से दूरी बनाएं, क्योंकि इनमें छुपा हुआ नमक बहुत ज़्यादा होता है. यदि कोई मेडिकल कंडीशन है (जैसे हाई बीपी या किडनी प्रॉब्लम), तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही नमक का चुनाव करें. सफेद नमक और सेंधा नमक दोनों को बैलेंस में रखें.

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