अमेरिका और इज़रायल के बीच सामरिक संबंधों को एक और मजबूती मिलने जा रही है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने संसद को अवगत कराते हुए एक बड़े रक्षा सौदे की योजना साझा की है, जिसके तहत इज़रायल को छह अरब डॉलर से अधिक के उन्नत हथियार बेचे जाएंगे. यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब गाज़ा पट्टी में इज़रायल की सैन्य कार्रवाई और कतर पर हुई एयर स्ट्राइक को लेकर उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
इस रक्षा सौदे के अंतर्गत अमेरिका इज़रायल को 30 AH-64 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर देने जा रहा है, जिसकी अनुमानित लागत करीब 3.8 अरब डॉलर है. इस डील के बाद इज़रायल के पास मौजूद अटैक हेलीकॉप्टरों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी. इसके अलावा करीब 1.9 अरब डॉलर के मूल्य के हमलावर सैन्य वाहन भी इस समझौते में शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, यह रक्षा सौदा एक बार में पूरा नहीं किया जाएगा, बल्कि अगले दो से तीन वर्षों या उससे भी अधिक समय में चरणबद्ध तरीके से डिलीवरी की जाएगी.
दबाव के बावजूद ट्रंप प्रशासन का समर्थन जारी
यह फैसला ऐसे समय पर सामने आया है जब इज़रायल की सैन्य कार्रवाई को लेकर अमेरिकी सीनेट में डेमोक्रेट्स समेत दुनिया भर के कई देशों ने चिंता जताई है. मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने गाज़ा में हो रही तबाही को 'नरसंहार' बताया है. इसके बावजूद ट्रंप प्रशासन ने इज़रायल को हथियारों की आपूर्ति के अपने इरादों को लेकर कोई नरमी नहीं दिखाई है. हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग ने इस डील पर सार्वजनिक टिप्पणी करने से इनकार किया है. इस रक्षा सौदे की जानकारी सबसे पहले प्रतिष्ठित अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा दी गई थी.
वैश्विक प्रतिक्रिया और बाइडन प्रशासन की स्थिति
इज़रायल की सैन्य कार्रवाइयों को लेकर उसके परंपरागत सहयोगी भी अब दूरी बनाते नजर आ रहे हैं. उदाहरण के तौर पर, ब्रिटेन ने पिछले वर्ष कुछ हथियारों के निर्यात को निलंबित कर दिया था, यह कहते हुए कि उनका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के उल्लंघन में हो सकता है. वहीं, पूर्ववर्ती बाइडन प्रशासन ने भी नागरिकों की जान को खतरे में डालने की आशंका को देखते हुए इज़रायल को 2,000 पाउंड वजनी बमों की आपूर्ति पर रोक लगा दी थी. लेकिन जनवरी में सत्ता में वापसी के बाद ट्रंप ने इस रोक को हटा दिया और इज़रायल को 12 अरब डॉलर की सैन्य सहायता पहले ही मंज़ूर कर दी थी.
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