Kharmas 2025: हर साल दिसंबर और जनवरी के बीच आने वाला खरमास लोगों के बीच कई तरह की मान्यताओं को जन्म देता है. खासकर जब शुभ कार्यों की बात हो, तो कई लोग यह सोचकर उलझ जाते हैं कि क्या इस समय घर में नया सामान लाना उचित है या नहीं. पंचांग के मुताबिक, जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो एक माह तक चलने वाली अवधि को खरमास या मलमास कहा जाता है. वर्ष 2025 में यह अवधि 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक रहने वाली है.
इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश या नए व्यापार जैसी बड़ी शुरुआतों पर रोक मानी जाती है, क्योंकि इसे गुरु-सूर्य की ऊर्जा के निर्बल होने का समय कहा गया है. लेकिन सवाल यह है. क्या खरमास में नए कपड़े खरीदना भी अशुभ माना जाता है?
क्यों माना जाता है खरमास एक ‘ठहराव’ का समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को सभी ग्रहों का स्वामी और ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है. जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करते हैं, तो इस अवधि में उनकी शक्ति सामान्य से कम मानी जाती है. यह समय बड़े और मांगलिक कार्यों के लिए प्रतिकूल माना जाता है. मगर इसका मतलब यह नहीं कि जीवन की आम जरूरतों को भी रोक दिया जाए. खरमास मुख्य रूप से उन कार्यों पर रोक लगाता है, जो जीवन में बड़े बदलाव लाते हैं.
क्या खरमास में नए कपड़े खरीदना अशुभ है?
नए वस्त्र खरीदना कोई मांगलिक कार्य नहीं माना जाता. यह न तो कोई धार्मिक संस्कार है, न ही ऐसा काम जो जीवन में नया अध्याय शुरू करता हो. यह बस रोजमर्रा की खरीदारी का हिस्सा है. इसलिए इस पर किसी भी तरह का प्रतिबंध लागू नहीं होता. खरमास केवल बड़े संस्कारों पर रोक लगाता है, लेकिन कपड़े, जूते, दैनिक उपयोग के सामान या छोटे घरेलू उत्पादों को खरीदने की अनुमति पूरी तरह बनी रहती है. ऐसे खरीदारी पर ग्रहों की कोई नकारात्मक स्थिति भी असर नहीं डालती.
खरमास में वस्त्र खरीदना क्यों माना जाता है ठीक?
नए कपड़े खरीदना शुद्ध रूप से व्यक्तिगत और सामान्य क्रिया है.यह शुक्र ग्रह से जुड़ा होता है और खरमास का शुक्र पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता.यदि आप त्योहार, पूजा या किसी धार्मिक कार्यक्रम के लिए कपड़े खरीद रहे हैं, तो इसे शुभ माना जाता है. इसलिए चाहे विंटर सेल हो, शादी के लिए शॉपिंग हो या बस अलमारी में ताजगी लाने का मन खरमास में नए कपड़े लेना बिल्कुल उचित है.
किन चीज़ों में सावधानी ज़रूरी
हालांकि कपड़े खरीदने पर रोक नहीं है, लेकिन बड़े निवेश वाली खरीदारी जैसे घर, कार, प्लॉट या भारी मात्रा में सोना यदि टाली जा सके तो मकर संक्रांति के बाद करना अधिक अच्छा माना जाता है. ये खरीदारी ‘जीवन परिवर्तक’ श्रेणी में आती हैं, इसलिए उन पर खरमास के नियम लागू होते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. Bharat 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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