खामेनेई की लुटिया डुबाने लगे ईरानी अधिकारी! सत्ता पलटने के लिए तैयार किया प्लान; 50 हजार अधिकारी शामिल

    ईरान में इस्लामी सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. रजा पहलवी, जो ईरान के अंतिम शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी के बेटे हैं, ने दावा किया है कि ईरान के भीतर ही एक संगठित अभियान चल रहा है, जो देश की मौजूदा सरकार को गिराकर लोकतंत्र की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाने के लिए तैयार है.

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    Image Source: Social Media

    Iran: ईरान में इस्लामी सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. रजा पहलवी, जो ईरान के अंतिम शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी के बेटे हैं, ने दावा किया है कि ईरान के भीतर ही एक संगठित अभियान चल रहा है, जो देश की मौजूदा सरकार को गिराकर लोकतंत्र की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाने के लिए तैयार है. 46 सालों से निर्वासित जीवन जी रहे रजा पहलवी ने खुलासा किया कि इस अभियान में ईरान की सत्ता और सेना के भीतर से 50,000 से अधिक अधिकारी शामिल हो चुके हैं.

    रजा पहलवी ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने एक सुरक्षित डिजिटल नेटवर्क तैयार किया है, जिसके जरिए वे ईरान के अधिकारियों और सेना के सदस्यों को एक साथ जोड़ रहे हैं. इस प्लेटफॉर्म पर अब तक हजारों लोग रजिस्टर हो चुके हैं, और हर हफ्ते नए लोग जुड़ रहे हैं. 

    ईरानी अधिकारियों और सेना से मिल रहा समर्थन

    इस नेटवर्क का उद्देश्य ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई की सरकार को गिराना और एक लोकतांत्रिक ईरान की स्थापना करना है. इसके लिए पहलवी का दावा है कि इस डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है, ताकि इन अधिकारियों की विश्वसनीयता का आकलन किया जा सके. अगले चरण में आम नागरिकों को इस अभियान से जोड़ने की योजना है, और इसके लिए एक नई वेबसाइट भी बनाई जा रही है.

    म्यूनिख में आयोजित होगा विरोधियों का बड़ा सम्मेलन


    शनिवार को म्यूनिख में एक महत्वपूर्ण सम्मेलन होने जा रहा है, जहां दुनिया भर से ईरानी विपक्षी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, कलाकार और खिलाड़ी एकत्र होंगे. यह सम्मेलन, जिसे "नेशनल कोऑपरेशन कन्वेंशन" नाम दिया गया है, 1979 की क्रांति के बाद सबसे बड़ा ईरान विरोधी सम्मेलन हो सकता है. रजा पहलवी ने बताया कि इस सम्मेलन के तीन मुख्य सिद्धांत होंगे:

    • ईरान की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा
    • हर नागरिक की स्वतंत्रता और समानता की गारंटी
    • धर्म और सत्ता का अलगाव
    • रजा पहलवी ने इस सम्मेलन को ईरान के लोकतंत्र की ओर बढ़ते हुए कदम के रूप में देखा है, जिसमें ईरानी समाज के विभिन्न हिस्सों का समर्थन जुटाने की कोशिश की जाएगी.

    विपक्षी एकता पर सवाल

    हालांकि रजा पहलवी खुद को सत्ता परिवर्तन के बाद देश का अगला नेता मानते हैं, लेकिन उनके आलोचक यह कहते हैं कि वे विपक्षी गुटों को एकजुट करने में पर्याप्त प्रयास नहीं कर पाए हैं. उनका यह भी कहना है कि एक शाही परिवार से आने वाले व्यक्ति के नेतृत्व में लोकतंत्र स्थापित करना मुश्किल हो सकता है. हालांकि, म्यूनिख सम्मेलन को उनके आलोचकों का सामना करने और अपनी छवि सुधारने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है. यह सम्मेलन उनकी विचारधारा को और अधिक प्रबल करने का एक अवसर हो सकता है. रजा पहलवी का यह दावा और ईरानी विरोधी आंदोलन अब दुनियाभर में सुर्खियां बना चुका है. अगर यह आंदोलन सफलता प्राप्त करता है, तो इससे न केवल ईरान में बल्कि पूरी मध्य पूर्व क्षेत्र में राजनीति का चेहरा बदल सकता है.

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