Kesari Chapter 2 Review: माधवन ने ली कमान, अक्षय पीछे छूटे...‘केसरी 2’ में दमदार कोर्टरूम ड्रामा

    Kesari 2 Review: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग' (2025) एक ऐतिहासिक ड्रामा है, जिसमें अक्षय कुमार, आर. माधवन और अनन्या पांडे मुख्य भूमिका में हैं. यह फिल्म बैरिस्टर सी. शंकरन नायर की वास्तविक जीवन पर आधारित है, जिन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी थी.

    Kesari Chapter 2 Review: माधवन ने ली कमान, अक्षय पीछे छूटे...‘केसरी 2’ में दमदार कोर्टरूम ड्रामा
    Image Source: Bharat 24

    Kesari 2 Review: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग' (2025) एक ऐतिहासिक ड्रामा है, जिसमें अक्षय कुमार, आर. माधवन और अनन्या पांडे मुख्य भूमिका में हैं. यह फिल्म बैरिस्टर सी. शंकरन नायर की वास्तविक जीवन पर आधारित है, जिन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी थी.

    कैसी है फिल्म की कहानी? 

    'केसरी चैप्टर 2' जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद की घटनाओं पर केंद्रित है, जिसमें सी. शंकरन नायर ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ न्याय की लड़ाई लड़ी. अक्षय कुमार ने नायर के किरदार को निभाया है, जो सत्य और न्याय के लिए खड़े हुए. आर. माधवन और अनन्या पांडे ने सहायक भूमिकाओं में अभिनय किया है. कहानी और निर्देशन कि बात करें तो फिल्म की कहानी ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है, लेकिन कुछ समीक्षकों ने इसे पूर्वानुमानित और भावनात्मक रूप से अत्यधिक बताया है. कुछ दृश्य अत्यधिक राष्ट्रवादी प्रतीत होते हैं, जो फिल्म की वास्तविकता को प्रभावित करते हैं. आर. माधवन और अनन्या पांडे ने अपनी भूमिकाओं में संतुलित प्रदर्शन किया है, लेकिन उनकी भूमिकाएं अपेक्षाकृत सीमित हैं.

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    प्रभावशाली एक्टिंग परफॉमेंस 

    अक्षय कुमार ने सी. शंकरन नायर के किरदार को प्रभावशाली ढंग से निभाया है. उनके एक्सप्रेशन्स, डायलॉग डिलीवरी और कोर्टरूम ड्रामा में उनका आत्मविश्वास काबिल-ए-तारीफ है. आर. माधवन ने एक ब्रिटिश वकील के रोल में बढ़िया काम किया है—काफी ठंडे और चालाक अंदाज़ में. अनन्या पांडे ने एक युवा स्वतंत्रता सेनानी की भूमिका निभाई है, जो सीमित स्क्रीन टाइम के बावजूद छाप छोड़ती हैं.


    फिल्म की सिनेमैटोग्राफी इसकी सबसे बड़ी ताक़तों में से एक है. जलियांवाला बाग की घटना को जिस तरह फिल्माया गया है, वो दृश्य दर्शकों को अंदर तक झकझोरता है. कोर्टरूम और ब्रिटिश इंडिया के शाही इमारतों का विज़ुअल ट्रीटमेंट ऐतिहासिक और प्रामाणिक लगता है. कैमरा मूवमेंट और लाइटिंग से फिल्म का मूड बहुत अच्छा सेट होता है.

    बैकग्राउंड स्कोर बहुत दमदार है. भावनाओं को गहराई देता है, खासकर गंभीर और जोशीले दृश्यों में. देशभक्ति पर आधारित एक-दो गाने हैं जो कहानी में अच्छी तरह फिट होते हैं, हालांकि कोई गाना बहुत बड़ा चार्टबस्टर नहीं बना. संगीत फिल्म की टोन को मैच करता है—न ही बहुत मेलोड्रामैटिक, न ही पूरी तरह सूखा.


    "केसरी चैप्टर 2" एक गंभीर ऐतिहासिक फिल्म है, जिसमें दमदार ऐक्टिंग, बेहतरीन सिनेमैटोग्राफी और संतुलित म्यूज़िक इसे एक प्रभावशाली फिल्म बनाते हैं. अगर आप देशभक्ति, इतिहास या कोर्टरूम ड्रामा के फैन हैं, तो यह फिल्म ज़रूर देखी जा सकती है. यदि आप भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और जलियांवाला बाग हत्याकांड के ऐतिहासिक पहलुओं में रुचि रखते हैं, तो 'केसरी चैप्टर 2' एक देखने योग्य फिल्म है. हालांकि, फिल्म कुछ स्थानों पर अत्यधिक भावनात्मक और पूर्वानुमानित हो सकती है, लेकिन अक्षय कुमार का प्रदर्शन और फिल्म की ऐतिहासिक प्रासंगिकता इसे महत्वपूर्ण बनाती है.