13 मई 2025 को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस बीआर गवई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई. उन्होंने जस्टिस संजय खन्ना की जगह ली, जिनका कार्यकाल इसी दिन समाप्त हुआ.
गवई का कार्यकाल भले ही सात महीने का है, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व बेहद खास है. वे देश के दूसरे दलित CJI हैं. उनसे पहले जस्टिस के. जी. बालाकृष्णन ने 2007 में यह पद संभाला था. बीआर गवई ने हाल ही में एक अनौपचारिक बातचीत में कहा था कि वे देश के पहले बौद्ध चीफ जस्टिस बनने जा रहे हैं, जो भारतीय न्याय व्यवस्था में सामाजिक समावेश का एक महत्वपूर्ण संकेत है.