मोकामा में कायम है 'छोटे सरकार' का जलवा! जेल से चुनाव जीते अनंत सिंह, सूरजभान सिंह की पत्नी को हराया

    Bihar Mokama Election Results 2025: मोकामा विधानसभा सीट इस बार खासा चर्चा में रही. यहाँ के चुनावी मैदान में बाहुबली नेता अनंत सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी वीणा देवी को हराते हुए छठी बार जीत दर्ज की.

    JDU Anant Singh Wins Mokama Seat Bihar Election Result 2025
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    Bihar Mokama Election Results 2025: मोकामा विधानसभा सीट इस बार खासा चर्चा में रही. यहाँ के चुनावी मैदान में बाहुबली नेता अनंत सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी वीणा देवी को हराते हुए छठी बार जीत दर्ज की. यह जीत सिर्फ अनंत सिंह के राजनीतिक करियर का अहम पड़ाव नहीं है, बल्कि मोकामा की राजनीति के दौर को भी नया मोड़ देती है. हालांकि, इस सीट पर चुनावी मुकाबला कड़ा था और कई विवादों के बाद अनंत सिंह ने अपनी स्थिति मजबूत की.

    अनंत सिंह का रिकार्ड तोड़ जीत का सिलसिला

    मोकामा विधानसभा सीट पर अनंत सिंह का दबदबा लगातार बना हुआ है. इस सीट से उन्होंने छह बार जीत हासिल की है, जो इस इलाके की राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ को साबित करता है. इस बार, त्रिकोणीय मुकाबला था, जिसमें आरजेडी की वीणा देवी, जो कि पूर्व सांसद और बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी हैं, के अलावा जन सुराज पार्टी के पीयूष प्रियदर्शी भी चुनावी मैदान में थे. लेकिन, अंततः अनंत सिंह ने 29,710 वोटों से जीत दर्ज कर यह साबित कर दिया कि मोकामा की जनता में उनकी स्वीकार्यता कायम है.

    चुनाव से पहले विवादों का दौर

    मोकामा की यह चुनावी जंग सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि साम्प्रदायिक और जातीय समीकरणों के लिहाज से भी बेहद दिलचस्प रही. पीयूष प्रियदर्शी ने जातीय आधार पर अपने समर्थन को गोलबंद करने की कोशिश की, जबकि अनंत सिंह का काफिला चुनाव प्रचार के दौरान पीयूष के काफिले से भिड़ गया. इस झगड़े में मारपीट, पथराव और गोलीबारी की घटना हुई, जिसमें जन सुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की मौत हो गई. इस मामले में अनंत सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. फिलहाल, अनंत सिंह जेल में हैं, लेकिन मोकामा की जनता ने उनकी ताकत और छवि को देखते हुए उन्हें एक बार फिर विजय दिलवायी.

    मोकामा की राजनीतिक दिशा

    मोकामा विधानसभा सीट हमेशा से बाहुबलियों के कब्जे में रही है. अनंत सिंह ने इस सीट से शुरुआत 2005 में जेडीयू के टिकट पर की थी और तब से लेकर अब तक वे पांच बार विधायक बन चुके हैं. 2015 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की और 2020 में आरजेडी के टिकट पर भी शानदार जीत दर्ज की. हालांकि, 2022 में उन्हें सजा हुई और उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी. इसके बाद उनकी पत्नी नीलम देवी ने उपचुनाव में जीत दर्ज की, लेकिन इस बार अनंत सिंह ने फिर से चुनावी मैदान में कदम रखा और जेडीयू के टिकट पर मोकामा की जनता का आशीर्वाद प्राप्त किया.

    मोकामा की राजनीति में अनंत सिंह की अहम भूमिका

    मोकामा सीट का इतिहास कई उतार-चढ़ावों से भरा हुआ है, लेकिन अनंत सिंह की जीत ने यह साबित किया कि मोकामा की राजनीति में उनका प्रभाव कम नहीं हुआ है. चाहे जेल में बंद हों या विवादों से घिरे हों, जनता की नजर में उनकी स्वीकार्यता और शक्ति बरकरार है. इस जीत के साथ, अनंत सिंह ने एक बार फिर यह दर्शा दिया कि मोकामा की राजनीति में उनका कोई विकल्प नहीं है.

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