Reasi landslide: सुबह की पहली किरणें जब रियासी जिले के बद्दर गांव में पहुंची, तब तक वहां ज़िंदगी की रौशनी बुझ चुकी थी. माहौर तहसील के इस छोटे से पहाड़ी गांव में बीती रात की भारी बारिश ने एक भयावह मंजर छोड़ दिया.
ढलान पर बसा एक घर भूस्खलन की चपेट में आ गया, और देखते ही देखते मिट्टी और पत्थरों का सैलाब उस घर को निगल गया. इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई.
नींद में आई मौत, जागने का मौका भी नहीं मिला
यह हादसा तड़के उस वक्त हुआ जब पूरा परिवार गहरी नींद में था. लगातार बारिश के कारण जमीन खिसकने लगी और अचानक पूरा मकान मलबे के नीचे दब गया.
स्थानीय लोगों को जब हादसे की खबर लगी, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. पुलिस, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं, लेकिन जीवन की उम्मीद अब सिर्फ मलबे से शवों की बरामदगी तक सीमित रह गई थी.
बचाव कार्य खत्म, लेकिन दर्द बाकी है
बचाव टीमों ने मलबे से सभी सात शव निकाल लिए हैं. गांव में मातम पसरा है और हर आंख नम है. प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता देने की बात कही गई है.
सतर्क रहें, सुरक्षित स्थानों पर जाएं
इस दर्दनाक हादसे के बाद जिला प्रशासन ने पहाड़ी इलाकों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है. भारी बारिश के दौरान ढलान वाले या कमजोर संरचनाओं में न रहें, और जरूरत पड़ने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शरण लें.
प्राकृतिक आपदाएं चेतावनी हैं, लापरवाही नहीं
यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि प्रकृति से टकराना नहीं, उसके संकेतों को समझना जरूरी है. पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे हजारों परिवारों के लिए यह एक गंभीर चेतावनी है कि समय रहते सतर्क हो जाना ही समझदारी है.
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