5000 महिला आतंकियों को फिदायीन ट्रेनिंग... जैश के प्लान पर बड़ा खुलासा, क्या है मसूद अजहर का मकसद?

    पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने महिला आतंकियों की एक विशेष विंग बना रखी है, जिसे संगठन ने जमात-उल-मुमीनात नाम दिया है.

    Jaish-E-Mohammed is giving suicide training to women terrorists
    Image Source: Social Media

    नई दिल्ली: पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने महिला आतंकियों की एक विशेष विंग बना रखी है, जिसे संगठन ने जमात-उल-मुमीनात नाम दिया है. यह विंग संगठन की आतंकवादी गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, इस विंग में अब तक पांच हजार से अधिक महिलाएं शामिल हो चुकी हैं, जिन्हें फिदायीन और अन्य आतंकवादी मिशनों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.

    आतंकी मसूद अजहर ने हाल ही में सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस महिला विंग की विस्तार योजना का खुलासा किया है. पोस्ट में उन्होंने उल्लेख किया कि जैसे-जैसे इस विंग में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, संगठन अब पीओके (PoK) के हर जिले में जमात-उल-मुमीनात के कार्यालय खोलने की योजना बना रहा है. इन कार्यालयों में महिलाओं की भर्ती, ट्रेनिंग और रणनीति कार्य संचालित किया जाएगा.

    मसूद अजहर ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि कई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए हैं और बताया है कि संगठन में शामिल होने के बाद उन्हें अपनी जिंदगी का उद्देश्य मिल गया.

    ट्रेनिंग और जिहादी प्रचार

    जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग में शामिल महिलाओं को सामाजिक और धार्मिक बहानों के जरिए प्रेरित किया जाता है. उन्हें फिजिकल ट्रेनिंग, सुसाइड बॉम्बिंग, और डिजिटल माध्यमों के जरिए हेट स्पीच और कट्टरपंथी विचारधारा दी जाती है. महिलाओं को पुरुष आतंकवादियों की तरह फिदायीन मिशनों में भाग लेने के लिए तैयार किया जा रहा है.

    सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह महिला विंग अब जैश की रणनीति का अहम हिस्सा बन गई है. इसके जरिए संगठन खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, फंडिंग जुटाने और हमलों में नई रणनीतियां अपनाने की योजना बना रहा है.

    नेतृत्व और संचालन

    सूत्रों के अनुसार, मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर को इस महिला विंग का प्रमुख बनाया गया है. उनकी दूसरी बहन समायरा अजहर (उर्फ उम्मे मसूद) और पुलवामा हमले में शामिल हमलावर उमर फारूक की पत्नी अफीरा फारूक सोशल मीडिया के जरिए महिलाओं की भर्ती और प्रचार का काम संभाल रही हैं.

    इस नेटवर्क का उद्देश्य सिर्फ महिलाओं को शामिल करना ही नहीं है, बल्कि उन्हें संगठन के रणनीतिक मिशनों में सक्रिय करना भी है. सुरक्षा एजेंसियों ने इस नेटवर्क की सक्रियता और विस्तार को गंभीर खतरे के रूप में देखा है और हाई अलर्ट जारी किया है.

    डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल

    जैश-ए-मोहम्मद महिलाओं को शामिल करने और उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का व्यापक उपयोग कर रहा है. डिजिटल क्लासेस के माध्यम से महिलाओं को कट्टरपंथ और भारत विरोधी विचारधारा के प्रति प्रेरित किया जाता है.

    विशेषज्ञों का कहना है कि यह नया तरीका संगठन को अदृश्य तरीके से फैलने और नई पीढ़ी को कट्टरपंथ की ओर खींचने में मदद कर रहा है.

    पाकिस्तान में संगठन की स्थिति

    जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान में बैठा हुआ एक सक्रिय आतंकी संगठन है. मसूद अजहर ने सालों से भारत और अन्य देशों के खिलाफ जिहादी गतिविधियों का संचालन किया है. महिला विंग का गठन इस रणनीति का हिस्सा है कि संगठन अब महिला आतंकियों का इस्तेमाल भी अपने मिशनों में करेगा.

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