जयपुर: राजस्थान के जयपुर आयुक्तालय से एक सिपाही की बहादुरी की कहानी सामने आई है, जिसने न केवल अपनी जान की परवाह किए बिना, बल्कि पूरी जिम्मेदारी और आत्मविश्वास के साथ एक महिला की जान बचाई. यह घटना बुधवार की रात की है, जब राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल गोपाल लाल जाजड़ा ने 150 फीट गहरे कुएं में उतरकर एक महिला को बचाया. इस साहसिक कार्य ने उन्हें पूरी पुलिस फोर्स और स्थानीय लोगों से सराहना प्राप्त की है.
रात के सन्नाटे में घटी घटना
गुरुवार रात के सवा 12 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि कालवाड़ थाना क्षेत्र के भंभोरी गांव के पास एक महिला कुएं में गिर गई है. सूचना मिलते ही कांस्टेबल गोपाल लाल जाजड़ा अपनी ड्यूटी को छोड़कर बिना किसी देरी के मौके पर पहुंचे. स्थिति का जायजा लेते हुए उन्होंने देखा कि महिला कुएं में फंसी हुई है, और कोई सिविल डिफेंस टीम भी वहां नहीं पहुंची थी. गोपाल ने बिना किसी इंतजार के अपनी जान जोखिम में डालते हुए एक देसी जुगाड़ से कुएं में उतरने का निर्णय लिया.
देसी जुगाड़ से महिला को बाहर निकाला
कांस्टेबल गोपाल लाल ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से एक पुरानी चारपाई (खाट) पर रस्सियां बांधी और फिर उसे कुएं में उतारने का तरीका अपनाया. करीब 15 से 20 मिनट के भीतर, गोपाल ने महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. महिला को रेस्क्यू करने के बाद उसे प्राथमिक उपचार दिया गया, और फिर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. इस बहादुरी की कार्रवाई पर झोटवाड़ा एसीपी आलोक सैनी और अन्य अधिकारियों ने कांस्टेबल गोपाल को शाबाशी दी.
कांस्टेबल गोपाल लाल जाजड़ा का नाम अब केवल पुलिस स्टेशन में नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुका है. उन्हें उनके बहादुरी के कारण 'नागौरी सूरा' के नाम से भी जाना जाता है. गोपाल जाजड़ा राजस्थान के डीडवाना कुचामन जिले के नावा के पास स्थित पीपराली गांव के निवासी हैं. उनकी बहादुरी ने न केवल उनके परिवार को गर्व महसूस कराया है, बल्कि उनकी दो बेटियां भी उनके साहस को लेकर रोमांचित हैं.
महिला की मानसिक स्थिति और परिवार की चिंता
पुलिस के मुताबिक, महिला ने पति से कहासुनी के बाद गुस्से में आकर कुएं में कूदने का कदम उठाया था. इसके बाद जब परिवार ने महिला को इधर-उधर ढूंढ़ा और कुएं में देखा, तो वह चीखते हुए दिखी. परिवार ने तत्परता से पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला को बचाया. गोपाल लाल जाजड़ा की न केवल बहादुरी, बल्कि उनके तेज़ निर्णय ने एक जान बचाई, जिससे पूरे क्षेत्र में उनकी सराहना हो रही है.
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