भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के माहौल में एक बड़ी सुरक्षा चूक को सेना ने समय रहते रोक दिया है. मध्य प्रदेश के जबलपुर में मिलिट्री कैंपस के भीतर फोटो और वीडियो बना रहे दो संदिग्ध युवकों को पकड़ा गया है. प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि ये दोनों युवक दुश्मन देशों के इशारे पर जासूसी कर रहे थे.
घटना गोरा बाजार थाना क्षेत्र की है, जहां सेना के सेंट्रल कमांड से जुड़े मिलिट्री इंटेलिजेंस ठिकाने में ये युवक संदिग्ध गतिविधियों में संलग्न पाए गए. दोनों युवक — 22 वर्षीय मोहम्मद जुबेर (निवासी: आयशा नगर) और 32 वर्षीय मोहम्मद इरफान (निवासी: आनंद नगर) — सैन्य क्षेत्र में अलग-अलग दिशाओं से फोटो और वीडियो बना रहे थे.
सुरक्षा गार्ड्स की सतर्कता से बड़ी साजिश नाकाम
सेना में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने जब इन युवकों को संदेहास्पद हालत में देखा और उनसे सवाल-जवाब किए, तो वे स्पष्ट उत्तर नहीं दे सके. तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें मिलिट्री इंटेलिजेंस के हवाले किया गया. उनके पास मौजूद मोबाइल फोन को जब्त कर लिया गया है और उसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.
मोबाइल डेटा और सोशल मीडिया चैट की जांच जारी
सेना के अधिकारियों ने बताया कि अब इन युवकों के कॉल रिकॉर्ड, चैट हिस्ट्री और लोकेशन डेटा की गहन जांच की जा रही है. शक है कि दोनों ने पहले भी ऐसे प्रयास किए हों या दुश्मन एजेंसियों से संपर्क में रहे हों.
यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है जब कश्मीर घाटी में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सेना पहले से ही हाई अलर्ट पर है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान की बौखलाहट और बढ़ गई है. माना जा रहा है कि इसी के चलते भारत में जासूसी गतिविधियां तेज की जा रही हैं. सेना और खुफिया एजेंसियां इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही हैं और दोनों संदिग्धों से गहन पूछताछ जारी है.
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