ओटावा: कनाडा में पढ़ाई का सपना अब पहले जितना आसान नहीं रहा. देश की नई इमिग्रेशन नीतियों और स्टडी परमिट में कटौती की वजह से विदेशी छात्रों, खासकर भारतीय युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए नई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.
2025 की पहली तिमाही में, भारतीय छात्रों को जारी स्टडी परमिट की संख्या में 31% की गिरावट आई है. यह बदलाव कनाडा की जनसंख्या नियंत्रण नीति और अस्थायी निवासियों की संख्या कम करने की योजना का हिस्सा है.
कनाडा में पढ़ाई अब सुलभ नहीं
जनवरी से मार्च 2025 तक केवल 30,640 भारतीय छात्रों को स्टडी परमिट मिले, जबकि यही आंकड़ा पिछले साल इसी अवधि में 44,295 था.
कनाडा सरकार ने 2025 के लिए 437,000 स्टडी परमिट की अधिकतम सीमा तय की है—जो 2024 से 10% कम है. यह लिमिट 2026 तक लागू रहेगी.
नए नियमों ने बढ़ाई छात्रों की चिंता
1. आर्थिक योग्यता का नया पैमाना:
अब छात्रों को यह प्रमाणित करना होगा कि उनके पास 12.7 लाख रुपए (CAD $20,635) हैं—जो पहले से दोगुना है.
2. एडमिशन की पुष्टि की सख्ती:
डेजिग्नेटेड लर्निंग इंस्टीट्यूशंस (DLIs) द्वारा जारी स्वीकृति पत्र को IRCC से सत्यापित कराना अनिवार्य हो गया है, जिससे फर्जी प्रवेशों पर रोक लगेगी.
3. स्कूल बदलने के लिए नया परमिट:
1 मई 2025 से, DLI बदलने के लिए नया स्टडी परमिट अनिवार्य होगा.
4. आवेदन प्रक्रिया में देरी:
कनाडा सरकार अब इस बात पर जोर दे रही है कि छात्र अपने स्टडी परमिट की समाप्ति के बाद देश छोड़ने की मंशा साबित करें.
इमिग्रेशन लक्ष्य भी घटा
2025 में कनाडा का लक्ष्य है 3.95 लाख स्थायी निवासियों को स्वीकार करना. यह संख्या 2026 में घटकर 3.80 लाख और 2027 में 3.65 लाख तक लाई जाएगी. इसका उद्देश्य अस्थायी निवासियों की हिस्सेदारी 5% से नीचे लाना है, जो इस समय लगभग 7.25% है.
विदेशी छात्रों का रुख बदल रहा है
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