गाजा में पलक झपकते जमींदोज हो गई 15 मंजिला इमारत, इजरायली फाइटर जेट ने किया था हमला, देखें वीडियो

    मध्य-पूर्व में जारी हिंसा एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गई है. इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से जारी टकराव के चलते गाजा पट्टी एक बार फिर युद्ध के मैदान में तब्दील होती दिख रही है.

    Israeli fighter jet blows up 15-story building in Gaza
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Social Media

    मध्य-पूर्व में जारी हिंसा एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गई है. इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से जारी टकराव के चलते गाजा पट्टी एक बार फिर युद्ध के मैदान में तब्दील होती दिख रही है. शनिवार को इजरायली वायुसेना ने गाजा सिटी के एक रिहायशी इलाके में स्थित एक 15 मंजिला ऊंची इमारत को निशाना बनाकर तबाह कर दिया.

    यह इमारत, जिसे अल-सूसी टावर के नाम से जाना जाता था, गाजा शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित थी और उसमें कई परिवार निवास कर रहे थे जिनमें अधिकतर पहले से ही युद्ध की वजह से विस्थापित थे.

    मिसाइलों से पलक झपकते ढह गई इमारत

    स्थानीय लोगों के मुताबिक, हमला बेहद तीव्र और अचानक था. शिन्हुआ समाचार एजेंसी को दिए बयान में गाजा निवासी अहमद अल-रस ने बताया, "जैसे ही पहली मिसाइल गिरी, ज़मीन हिलने लगी. खिड़कियाँ टूट गईं, और हर तरफ धूल और मलबा फैल गया. हम बच्चों को उठाकर जैसे-तैसे वहां से भाग निकले. हमारे पास कुछ भी लेने का समय नहीं था."

    गवाहों के अनुसार, इजरायली फाइटर जेट्स ने एक के बाद एक कई मिसाइलें दागीं. कुछ ही मिनटों में इमारत ढह गई और उसके चारों ओर का इलाका मलबे से भर गया.

    सैकड़ों लोग बेघर, बचाव कार्य जारी

    हमले के तुरंत बाद, गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसियों की टीमें मौके पर पहुंच गईं और मलबे में दबे संभावित जीवित लोगों की तलाश शुरू कर दी. नागरिक सुरक्षा के प्रवक्ता महमूद बसल ने कहा कि फिलहाल किसी के मरने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग बेघर हो चुके हैं. राहत कार्य कठिनाइयों के बावजूद जारी है.

    हमास से जुड़ा होने का दावा

    इजरायली रक्षा बल (IDF) की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अल-सूसी टावर का इस्तेमाल हमास द्वारा किया जा रहा था. IDF के अनुसार, टावर में निगरानी उपकरण लगाए गए थे और इसे एक प्रकार की खुफिया चौकी के रूप में प्रयोग में लाया जा रहा था.

    बयान में यह भी दावा किया गया कि इमारत के नीचे भूमिगत सुरंगें और अन्य संरचनाएं थीं जिनका उपयोग हमास के लड़ाके इजरायली बलों पर हमले के लिए करते थे. IDF ने आगे कहा कि उन्होंने हमले से पहले निवासियों को चेतावनी देकर सुरक्षित निकलने का समय दिया था ताकि आम नागरिकों की जान को खतरा न हो.

    24 घंटे में दूसरा बड़ा हमला

    यह हमला एक दिन पहले की गई एक और बड़ी कार्रवाई के ठीक 24 घंटे बाद हुआ है, जिसमें इजरायल ने गाजा के एक अन्य बहुमंजिला टावर 13 मंजिला मुश्ताहा टावर को निशाना बनाया था. इन दोनों हमलों ने गाजा शहर के नागरिकों में भय और असुरक्षा की भावना को और गहरा कर दिया है.

    गाजा में बिगड़ते हालात और नागरिक संकट

    गाजा में रहने वाले लाखों लोग पहले से ही गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहे हैं. बिजली, पानी, दवा और भोजन जैसी मूलभूत सुविधाएं सीमित हैं, और अब रिहायशी इलाकों में इस तरह की लगातार बमबारी ने हालात को और बदतर बना दिया है.

    स्थानीय मीडिया और सहायता एजेंसियों के अनुसार, बड़ी संख्या में लोग अपने घर खो चुके हैं और सुरक्षित स्थानों की तलाश में भटक रहे हैं.

    संघर्ष की पृष्ठभूमि

    2023 में हमास द्वारा इजरायल के दक्षिणी इलाकों में किए गए हमलों के बाद से गाजा में संघर्ष लगातार तेज़ होता गया है. उन हमलों में करीब 1,200 इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था. इसके जवाब में इजरायली सेना ने बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया, जिसे उन्होंने "हमास का खात्मा" कहकर परिभाषित किया है.

    इस सैन्य कार्रवाई के चलते गाजा में मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 64,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक इस संघर्ष में मारे जा चुके हैं और 1.6 लाख से ज्यादा घायल हुए हैं.